परमवीर चक्र [9] मेजर शैतान सिंह
Altitude: 4200 m - 5400 m (above sea level )
Region : Himalayan Mountain Range
Climate: Extremely less than freezing point of water i.e( - 45°C )
मेजर शैतान सिंह : कुमायूँ रेजिमेंट की तेरहवी बटालियन की क्म्पनी 3 की कमान सम्भाले हुए थे l वह एक मुख्य चौकी सम्भाले हुए थे l यह चौकी लद्धाख, रिजान्ग-ला में 5100 मिटर की ऊंचाई पर स्तिथ है l जहाँ बहुत कड़ाके की सर्दी पड़ती है l लगातार तीव्र
बर्फिली हवा सैनिकों के लिए कष्ट और चुनौती भरा होता है l
शैतान सिंह और उनके साथी सैनिक
November 18, 1962 को प्रात: 6 बजे लगभग एक हजार चीनी सैनिकों ने रिजन्ग-ला चौकी पर आक्रमण कर दिया l वे दो घंटे जमकर युद्ध किया l चीनी सैनिकों के समतल मैदानी भूमि से आगे बढना आसान था lअब उनका आगे बढना रुक गया l परन्तु वे और अधिक संख्या में फौज, तोपे, राकेट और टैंक के साथ फिर युद्ध क्षेत्र में आ गए
Chinese Army on the way to CHUSHUL.
(Photo source : China Times)
भारतीय सैनिक किसी ने भी अपना स्थान और स्टेनगन नही छोड़ा था l वे पुन: लड़ने को तैयार हो गए l उनपे चीनी सैनिकों का आक्रमण होने लगा l शैतान सिंह अपने सैनिकों को प्रोत्साहित किया l उन्होने जोरदार शब्दों में अविराम लड़ते रहने को उत्साहित किया l कुमायूँ सैनिकों को लगने लगा की उनके साथियोँ की संख्या कम हो रही है l उनका सैन्यबल कम हो रहा था और बाहर से कोई रिलीविंग यूनिट आने की कोई आशा नही थी l पर कोई भी सैनिक हार मानने को तैयार नही थे l प्रत्येक सैनिक घायल हो गए थे l परन्तु हिम्मत किसी ने नही हारीl उनके साथ सिर्फ एक ही इमर्जेन्सी मेडिकल नर्सिंग सहयोगी था,धर्मपाल वह अकेले ही घायलो की प्राथमिक चिकित्सा, मरहम पट्टी कर रहे थे l
(Chinese Army in action on Battle Field) source: China Times
कुमायूँ सैनिकों ने बड़ा भीषण युद्ध कियाl प्रत्येक सैनिक जो वीरगति को प्राप्त हो रहे थे, उन्होने अनेक चीनी सैनिकों को धराशायी करते रहे थे l अचानक दुश्मन की गोली शैतान सिंह को लग गई l उनका पेट फटकर बहुत तीव्र गति से रक्त बहने लगा l शैतान सिंह
को उनके साथी सैनिक सुरक्षित स्थान पर ले जाने लगे l पर चीनी सैनिक उन पर भी गोलियाँ दागने लगे l शैतान सिंह ने अपने साथीयों को आदेश दिया कि , उन्हें छोड़ दिया जाए और अपनी रक्षा करें l पर उनके सैनिकों ने उन्हें छोड़ने से इंकार कर दिया l इस पर शैतान सिंह आदेशात्मक आवाज़ में उन्हें फ़िर कहा - " मुझे यहीं छोड़ दो , अपने को सुरक्षित करो, यह मेरा आदेश है " l उनके सैनिकों ने आदेश का पालन कियाl उन्होने अपने बहादुर कमान्डर को एक चट्टान के पीछे टिका दिया l
Memorial Site at Chushul Battle field where 96 martyrs were found buried under the avalanche.
मेजर शैतान सिंह का शरीर उसी स्थान से लाया गया , जहाँ उनके साथी उन्हे रखा था l
जोधपुर पहुचाया गया और उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया l
युद्ध बंद होने के तीन महीने बाद जब लोग रिजन्ग-ला गए तो वहाँ बर्फ से ढके हुए 96 भारतीय सैनिकों के शव मिले l
बहादुर सैनिक जैसे आसन में लड़ाई लड़े थे ,उसी आसन में पाए गए l मेजर शैतान सिंह को मरणोपरान्त परमवीर चक्र से पुरस्कृत किया गया l
MAJOR SAITAN SINGH
BORN : December 01, 1924
At: JODHPUR , RAJASTHAN
UNIT : 13 KUMAON REGIMENT
BATTLE OF REZENG - LA
SINO - INDIA WAR -1962.
निज जीवन से देश बड़ा होता है, जब हम मिटते है तब देश खड़ा होता है .
(( जय हिन्द - वन्दे मातरम ))
1962 की भारत - चीन युद्ध का परिणाम से ही चीन का क्षेत्रफल थोड़ा बढ गया l परन्तु यह जीत उनके लिए काफ़ी महँगी साबित हुई l नीचे के इन चित्रो को देख कर आप स्वयं अनुमान लगा सकते है l
चीन के सैनिकों के शव
चीन के सैनिकों के बंदूकें
Region : Himalayan Mountain Range
Climate: Extremely less than freezing point of water i.e( - 45°C )
मेजर शैतान सिंह : कुमायूँ रेजिमेंट की तेरहवी बटालियन की क्म्पनी 3 की कमान सम्भाले हुए थे l वह एक मुख्य चौकी सम्भाले हुए थे l यह चौकी लद्धाख, रिजान्ग-ला में 5100 मिटर की ऊंचाई पर स्तिथ है l जहाँ बहुत कड़ाके की सर्दी पड़ती है l लगातार तीव्र
बर्फिली हवा सैनिकों के लिए कष्ट और चुनौती भरा होता है l
शैतान सिंह और उनके साथी सैनिक
November 18, 1962 को प्रात: 6 बजे लगभग एक हजार चीनी सैनिकों ने रिजन्ग-ला चौकी पर आक्रमण कर दिया l वे दो घंटे जमकर युद्ध किया l चीनी सैनिकों के समतल मैदानी भूमि से आगे बढना आसान था lअब उनका आगे बढना रुक गया l परन्तु वे और अधिक संख्या में फौज, तोपे, राकेट और टैंक के साथ फिर युद्ध क्षेत्र में आ गए
Chinese Army on the way to CHUSHUL.
(Photo source : China Times)
भारतीय सैनिक किसी ने भी अपना स्थान और स्टेनगन नही छोड़ा था l वे पुन: लड़ने को तैयार हो गए l उनपे चीनी सैनिकों का आक्रमण होने लगा l शैतान सिंह अपने सैनिकों को प्रोत्साहित किया l उन्होने जोरदार शब्दों में अविराम लड़ते रहने को उत्साहित किया l कुमायूँ सैनिकों को लगने लगा की उनके साथियोँ की संख्या कम हो रही है l उनका सैन्यबल कम हो रहा था और बाहर से कोई रिलीविंग यूनिट आने की कोई आशा नही थी l पर कोई भी सैनिक हार मानने को तैयार नही थे l प्रत्येक सैनिक घायल हो गए थे l परन्तु हिम्मत किसी ने नही हारीl उनके साथ सिर्फ एक ही इमर्जेन्सी मेडिकल नर्सिंग सहयोगी था,धर्मपाल वह अकेले ही घायलो की प्राथमिक चिकित्सा, मरहम पट्टी कर रहे थे l
(Chinese Army in action on Battle Field) source: China Times
कुमायूँ सैनिकों ने बड़ा भीषण युद्ध कियाl प्रत्येक सैनिक जो वीरगति को प्राप्त हो रहे थे, उन्होने अनेक चीनी सैनिकों को धराशायी करते रहे थे l अचानक दुश्मन की गोली शैतान सिंह को लग गई l उनका पेट फटकर बहुत तीव्र गति से रक्त बहने लगा l शैतान सिंह
को उनके साथी सैनिक सुरक्षित स्थान पर ले जाने लगे l पर चीनी सैनिक उन पर भी गोलियाँ दागने लगे l शैतान सिंह ने अपने साथीयों को आदेश दिया कि , उन्हें छोड़ दिया जाए और अपनी रक्षा करें l पर उनके सैनिकों ने उन्हें छोड़ने से इंकार कर दिया l इस पर शैतान सिंह आदेशात्मक आवाज़ में उन्हें फ़िर कहा - " मुझे यहीं छोड़ दो , अपने को सुरक्षित करो, यह मेरा आदेश है " l उनके सैनिकों ने आदेश का पालन कियाl उन्होने अपने बहादुर कमान्डर को एक चट्टान के पीछे टिका दिया l
Memorial Site at Chushul Battle field where 96 martyrs were found buried under the avalanche.
मेजर शैतान सिंह का शरीर उसी स्थान से लाया गया , जहाँ उनके साथी उन्हे रखा था l
जोधपुर पहुचाया गया और उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया l
युद्ध बंद होने के तीन महीने बाद जब लोग रिजन्ग-ला गए तो वहाँ बर्फ से ढके हुए 96 भारतीय सैनिकों के शव मिले l
Bodies of martyrs were found at the site 3 months later
बहादुर सैनिक जैसे आसन में लड़ाई लड़े थे ,उसी आसन में पाए गए l मेजर शैतान सिंह को मरणोपरान्त परमवीर चक्र से पुरस्कृत किया गया l
MAJOR SAITAN SINGH
BORN : December 01, 1924
At: JODHPUR , RAJASTHAN
UNIT : 13 KUMAON REGIMENT
BATTLE OF REZENG - LA
SINO - INDIA WAR -1962.
परमवीर चक्र
निज जीवन से देश बड़ा होता है, जब हम मिटते है तब देश खड़ा होता है .
(( जय हिन्द - वन्दे मातरम ))
1962 की भारत - चीन युद्ध का परिणाम से ही चीन का क्षेत्रफल थोड़ा बढ गया l परन्तु यह जीत उनके लिए काफ़ी महँगी साबित हुई l नीचे के इन चित्रो को देख कर आप स्वयं अनुमान लगा सकते है l
चीन के सैनिकों के शव
चीन के सैनिकों के बंदूकें
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