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Showing posts from August, 2023

आर्मस्ट्रांग सचमुच चांद पर गए थे या ये अमेरिका का फैलाया हुआ एक सफेद झूठ

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क्या नील आर्मस्ट्रांग सचमुच चांद पर गए थे या ये अमेरिका का फैलाया हुआ एक सफेद झूठ है। एक वैश्विक फेक प्रोपेगंडा है। सोचिए जरा..!😇 जिस चांद पर एक छोटी कार के आकार का विक्रम लैंडर जैसा कुछ उतारने में आज भारत सफल हो गया। उस चांद पर अनेक देश 2023 तक भी सफल नहीं हो पाए, यह कटु सत्य है न। अभी हाल में रूस जैसा देश भी अपना लैंडर उतार नहीं पाया चार दिन पहले उसका लैंडर क्रैश कर गया, ये भी सभी ने देखा। फिर कैसे विश्वास कर लें कि उस चांद पर 1969 में ही अमेरिका ने तीन तीन अंतरिक्ष यात्री भेज दिए थे? 😊😊😊😊 क्या ये झूठ नहीं लगता कि नील आर्मस्ट्रांग और उनके दो साथी भारी भरकम यान लेकर चांद पर उतरे भी .. उधर घूमे फिरे भी और फोटो सोटो खिंचवा के वापस जिंदा धरती पर आ भी गए.. और जब उनके पास टेक्नोलॉजी है ही तो नील आर्मस्ट्रांग के बाद कोई और क्यों नहीं गया? ☺️☺️☺️ इन अमेरिकियों से पूछो, चलो मान लिया तुम्हारे चांद पर खींचे हुए ये फोटो असली हैं, किसी हॉलीवुड के स्टूडियों में नहीं खींचे गए हैं, तुम चांद पर गए होगे पर मियाँ ये तो बताओ वहाँ से वापस लौटे कैसे? लौटा कर लाने वाला रॉकेट चांद की सतह पर

जानिए क्यों चंद्रयान-3 को चंद्रमा तक पहुंचने में 41 दिन लगें ?

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जानिए क्यों चंद्रयान-3 को चंद्रमा तक पहुंचने में 41 दिन लगें ? इसकी तुलना में, नासा का अपोलो 11 केवल चार दिनों में चंद्रमा की सतह पर पहुंच गया। भारत का चंद्रयान-3 मिशन 40 दिनों से अधिक की यात्रा के बाद चंद्रमा पर पहुंचा जबकि नासा का अपोलो 11 केवल चार दिनों में चंद्रमा की सतह पर पहुंचा था। ऐसा इसलिए है क्योंकि चंद्रयान-3 अपोलो मिशन द्वारा उपयोग किए जाने वाले प्रत्यक्ष ट्रांसलूनर इंजेक्शन की तुलना में धीमी, अधिक क्रमिक प्रक्षेपवक्र का उपयोग करता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ऐतिहासिक मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च किया। अब यह 40 दिनों से अधिक की यात्रा के बाद 23 अगस्त, 2023 (बुधवार) को लगभग 18:04 IST पर चंद्रमा पर सफलता पूर्वक उतरा। इसकी तुलना में, नासा का अपोलो 11 केवल चार दिनों में चंद्रमा की सतह पर पहुंच गया। अपसारी प्रक्षेप पथ: अपोलो 11 सहित अमेरिका के अपोलो मिशनों ने चंद्रमा तक पहुंचने के लिए एक सीधे प्रक्षेपवक्र का उपयोग किया था, जिसे ट्रांसलूनर इंजेक्शन के रूप में जाना जाता है। शक्तिशाली सैटर्न वी प्रक्षेपण यान ने अपोलो अंतरिक्ष यान को पृथ

तुलसीदास जयंती, 27 अगस्त 20223

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तुलसी जयंती पर विशेष  सम्पूर्ण भारतवर्ष में गोस्वामी तुलसीदास के स्मरण में तुलसी जयंती मनाई जाती है. श्रावण मास की सप्तमी के दिन तुलसीदास की जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष यह 27 अगस्त 2023 के दिन गोस्वामी तुलसीदास जयंती मनाई जाएगी. गोस्वामी तुलसीदास ने सगुण भक्ति की रामभक्ति धारा को ऐसा प्रवाहित किया कि वह धारा आज भी प्रवाहित हो रही है. गोस्वामी तुलसीदास ने रामभक्ति के द्वारा न केवल अपना ही जीवन कृतार्थ किया वरन सभी को श्रीराम के आदर्शों से बांधने का प्रयास किया. वाल्मीकि जी की रचना ‘रामायण’ को आधार मानकर गोस्वामी तुलसीदास ने लोक भाषा में राम कथा की रचना की। तुलसीदास जी जिनका नाम आते ही प्रभु राम का स्वरुप भी सामने उभर आता है. तुलसीदास जी रामचरित मानस के रचयिता तथा उस भक्ति को पाने वाले जो अनेक जन्मों को धारण करने के पश्चात भी नहीं मिल पाती उसी अदभूत स्वरुप को पाने वाले तुलसीदास जी सभी के लिए सम्माननीय एवं पूजनीय रहे. तुलसीदास जी का जन्म संवत 1589 को उत्तर प्रदेश के बाँदा ज़िला के राजापुर नामक ग्राम में हुआ था. इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे तथा माता का नाम हुलसी था.

BRICS 2023

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The 2023 BRICS summit The 2023 BRICS summit is the fifteenth upcoming annual BRICS summit, an international relations conference attended by the heads of state or heads of government of the five member states: Brazil, Russia, India, China, and South Africa. South African President Cyril Ramaphosa also invited the leaders of 67 countries to the summit, including 53 other African Countries, Bangladesh, Bolivia, Indonesia and Iran. In March 2023, the International Criminal Court (ICC) issued an arrest warrant against Russian President Vladimir Putin for war crimes during the Russian invasion of Ukraine. South Africa is required as an ICC signatory to honour the warrant. In May 2023, South Africa government, led by the African National Congress (ANC), granted all invited leaders diplomatic immunity. It was unclear whether this would prevent Putin from being arrested if he attended. According to the Department of International Relations and Cooperation, i

E=mc2: What Does Einstein’s Most Famous Equation Mean?

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E=mc2: What Does Einstein’s Most Famous Equation Mean? Albert Einstein’s simple yet powerful equation revolutionized physics by connecting the mass of an object with its energy for the first time. It is perhaps the most famous equation in the world, and also one of the most elegant. Einstein’s legendary equivalence between mass and energy, given the simple formula E=mc^2, is familiar even to schoolchildren. At times, it simply stands as a placeholder for science — like in cartoons where writing E=mc^2 on a chalkboard signifies there’s some serious physics going on. But the relationship Einstein’s equation alludes to underlies fundamental properties of the universe itself. Mass is energy, energy is mass; the equation builds a bridge between two seemingly disparate domains. The physics underpinning the equation are appropriately heady and complex. But for the rest of us, the significance of Einstein’s formula boils down largely to one thing: There’s a huge amount of energy bo

ज्ञान भारती पब्लिक स्कूल में हफ्ते भर चला स्वतंत्रता दिवस समारोह।

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ज्ञान भारती पब्लिक स्कूल में हफ्ते भर चलेगा स्वतंत्रता दिवस समारोह। ज्ञान भारती पब्लिक स्कूल में सप्ताह भर तक स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जा रहा है।जिसमें, विद्यालय के छात्रों एवं छात्राओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जा रहे है।। प्रत्येक वर्ग के लिए निर्धारित दिन और समय अनुसार, उसी वर्ग के छात्र कार्यक्रम को संचालित कर रहे हैं। विद्यालय के निदेशक श्री राम भद्र बताते हैं कि इस तरह की गतिविधियों में सभी बच्चों को शामिल किया जाना चाहिए ताकि पढ़ाई के अतिरिक्त वे अपनी अन्य विधाओं को भी प्रदर्शित कर सकेंगे। विद्यार्थियों की सारी प्रस्तुति एक दिन में संपादित नहीं किया जा सकता। अतः इस आजादी के अमृत महोत्सव को सप्ताह भर चलने दिया जाए। प्रतिदिन दो वर्गों की प्रस्तुति होगी तथा उन्ही वर्गो के छात्र या छात्रा के द्वारा कार्यक्रम संचालित किए जाए। 

Healing, Relaxing, Peace of Mind

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There's no doubt about it: We live in stressful times. From dealing with the pandemic, raising our kids, caring for our aging parents, keeping the house spic and span, and working 9 to 5, it might seem like there's no downtime. And even if you find a few moments to relax, how do you soothe your body and mind and actually let go of all that tightness and tension? Reading the following meditation quotes just might be the way. After all, we know meditation, which can be traced back to 5,000 BCE, can crush stress, reducing negativity, and increasing patience, imagination and self-awareness. Research has shown it can lead to better sleep and improved memory, too, and even lower blood pressure. While reading these quotes about meditation isn't the same thing as engaging in it (try a meditation app if you're just getting started), they just might inspire you to set a few moments aside every day for the age-old practice. (Even 13 minutes of daily meditation has been

Nervous System

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This represents the sympathetic nervous system , which sends signals to each of the depicted targets to prepare the body to respond to threats. Messages through the sympathetic nervous system can accelerate heart rate, widen bronchial passages, decrease large intestine motility, cause vasoconstriction (except in the cerebral and coronary arteries), increase oesophageal peristalsis, and many other changes in the body. Nerve cells, called neurons, are the cells that constitute the nervous tissue of which the nervous system is made. They work by a mixture of chemical and electrical action, allowing the transmission of signals in our body.   Simple components for a complex assembly    The  peripheral nervous system  is made of millions of  nerves , called  peripheral nerves , linked to each other or to muscles or to  receptors  throughout our body.  You can think of it as a series of electrical wires or telephone lines connecting your brain and body, allowing them

प्रेमचंद लिखित कहानी (iii) "पूस की रात"

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प्रेमचंद लिखित कहानी (iii) "पूस की रात" हल्कू ने आकर स्त्री से कहा, ‘सहना आया है, लाओ, जो रुपए रखे हैं, उसे दे दूं, किसी तरह गला तो छूटे.’ मुन्नी झाड़ू लगा रही थी. पीछे फिरकर बोली, ‘तीन ही तो रुपए हैं, दे दोगे तो कम्मल कहां से आवेगा? माघ-पूस की रात हार में कैसे कटेगी? उससे कह दो, फसल पर दे देंगे. अभी नहीं.’ हल्कू एक क्षण अनिश्चित दशा में खड़ा रहा. पूस सिर पर आ गया, कम्मल के बिना हार में रात को वह किसी तरह नहीं जा सकता. मगर सहना मानेगा नहीं, घुड़कियां जमावेगा, गालियां देगा. बला से जाड़ों में मरेंगे, बला तो सिर से टल जाएगी. यह सोचता हुआ वह अपना भारी- भरकम डील लिए हुए (जो उसके नाम को झूठ सिद्ध करता था) स्त्री के समीप आ गया और ख़ुशामद करके बोला, ‘ला दे दे, गला तो छूटे. कम्मल के लिए कोई दूसरा उपाय सोचूंगा.’ मुन्नी उसके पास से दूर हट गई और आंखें तरेरती हुई बोली, ‘कर चुके दूसरा उपाय! जरा सुनूं तो कौन-सा उपाय करोगे? कोई खैरात दे देगा कम्मल? न जाने कितनी बाकी है, जो किसी तरह चुकने ही नहीं आती. मैं कहती हूं, तुम क्यों नहीं खेती छोड़ देते? मर-मर काम करो, उपज हो तो बाकी दे दो

अदृश्य पदार्थ

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एमआईटी भौतिक विज्ञानी पदार्थ को अदृश्य करने के लिए मौलिक परमाणु संपत्ति का उपयोग करते हैं अल्ट्राकोल्ड, सुपरडेंस परमाणु कैसे अदृश्य हो जाते हैं एक नए अध्ययन से पुष्टि होती है कि जैसे-जैसे परमाणुओं को ठंडा किया जाता है और अत्यधिक निचोड़ा जाता है, प्रकाश बिखेरने की उनकी क्षमता कम हो जाती है। एक परमाणु के इलेक्ट्रॉन ऊर्जा कोश में व्यवस्थित होते हैं। किसी अखाड़े में संगीत देने वालों की तरह, प्रत्येक इलेक्ट्रॉन एक ही कुर्सी पर रहता है और यदि उसकी सभी कुर्सियाँ भरी हुई हैं तो वह निचले स्तर पर नहीं गिर सकता। परमाणु भौतिकी की इस मौलिक संपत्ति को पाउली अपवर्जन सिद्धांत के रूप में जाना जाता है, और यह परमाणुओं की खोल संरचना, तत्वों की आवर्त सारणी की विविधता और भौतिक ब्रह्मांड की स्थिरता की व्याख्या करता है। अब, एमआईटी भौतिकविदों ने पाउली अपवर्जन सिद्धांत, या पाउली अवरोधन को बिल्कुल नए तरीके से देखा है: उन्होंने पाया है कि यह प्रभाव इस बात को दबा सकता है कि परमाणुओं का एक बादल प्रकाश को कैसे बिखेरता है। * ******************************************* *******************************