परमवीर चक्र [3] सेकेण्ड लेफ्टिनेंट रामा रघुबा राणे
युद्ध के दौरान सेना का एक यूनिट बहुत सक्रीय रहता है l यह यूनिट 'आर्मी-इंजिनियरिंग" दुर्गम पहाड़ीयो और द्र्राओ(passes) पर पुल और सड़क का निर्माण करता है l सेना आगे किसी भी प्रकार का आवारोध को हटाना सुरन्गो का पता लगा कर सेना को आगाह करना ही उनकी इंजिनियरिंग है l यह एक ज़ोखिम भरा काम है l परंतु सेना को सुरक्षित ढंग से आने-जाने के लिए और मार्ग प्रसस्त रहे इसलिए इस कार्य को संपन्न करना अति आव्यशक है lLieutenant रघुबा राणे एक युवा इंजीनियर अधिकारी सैन्तीसवी असौल्ट्ट फिल्ड कम्पनी में कार्यरत थे l उन्हें नौशेरा से रजौरी तक भरतीय सेना का मार्ग प्रसस्त करना था l नौशेरा और रजौरी के बीच में चिन्गास स्थित है l हमारे सैनिकों को इस चौकी पर कब्जा करना थाl
हमारे पैदल सैनिको को आगे बढने का आदेश मिला, वे कमर तक पानी में पैदल चलते हुए, अनेको अवरोधो को पार करते हुए, चिन्गास की ओर बढने लगे l घने जंगलो से गुजरते वक्त, उन्होने पाकिस्तान के सैनिको और वहाँ के जन-जातियों को परास्त किया l वे लोग जंगल में छुपे हुए थे l भारतीय सैनिकों ने उस बारवालि पर्वत श्रेणी को अपने अधिकार में कर लिया l यह स्थान नौशेरा से 11 Km. उत्तर में स्थित है l हमारे सैनिको को अब चिन्गास पर अधिकार करना था l आगे बढने पर पता चला की, मार्ग में सुरंग बिछाए गए थे, सड़क पर अनेक अवरोध थे और दुश्मन घात लगाए प्रतीक्षा कर रहे थे lराणे और उनके साथियोँ को आदेश मिला कि वो वहाँ जा कiर सड़क पर पड़े अवरोधो को हटाए l
April 8, 1948 को वे वहाँ पहुंच कर, उन्होने जैसे ही अपना कार्य आरंभ किया- पाकिस्तान के सैनिकों ने उन पर गोलियाँ दागने लगे l राणे के दो साथी वीर गति को प्राप्त हो गए l राणे और उनके पांच साथी घायल हो गए l राणे जरा भी विचलित नही हुए l बल्कि उन्होने अपने सैनिकों को पुन: दिशा निर्देश दिया l वे एक बा फ़िर अपने कार्य में जुट गए, पहले के अपेक्षा और अधिक तिव्रता और दक्षता से वे मार्ग के अवरोधो को साफ़ करते रहे l दुश्मनो की गोलियाँ उन्हें डरा नही पाई l
उन्होने April 9, 1948 की सुबह तक सुरंगो को हटा दिया गया l वह अपने काम को पुरा करने के लिए रातभर काम में लगे रहे l परन्तू सड़क पर जो बड़े-बड़े ब्लाको को हटाना रह गया था l उनके साथियोँ ने April 9, 1948 की प्रात: सड़क पर से ब्लाको को हटाना प्रारंभ कर दिया l सारे दिन उन्होने काम किया l संध्या काल तक उन्होने अपना कार्य पूरा कर लिया l अंतत: वे अपने कार्य में सफल हो गए l
से पुरस्कृत किया गया l
Second Lieutenant
Rama Raghuba Rane
Born : June 26, 1918
at Cendla.
Died : July , 1994
परमवीर चक्र
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