परमवीर चक्र [11] Lt. Col.A.B. Tarapore
September 8,1965. Time: 0600 hrs. Place: फिल्लौरा, सियालकोट सेक्टर, पाकिस्तान में भारतीय टैंक भारत-पाकिस्तान सीमा को पार कर आगे बढ रहे थे l भारतीय टैंको ने पाकिस्तान पर उत्तर की ओर से आक्रमण कर दिया थाlपाकिस्तानीयों ने यह कदापी नही सोचा था कि भारतीय टैंक धान के खेतों और गन्ने की फसलो को पार करके भारतीय टैंक पाकिस्तान में घुस आएँगे l
September 8, 1965 की प्रात: 9 बजे फिल्लौरा से 15 km. दूर पाकिस्तानी टैंको से पहली बार मुठभेड़ हुई l दिनभर लड़ाई चलती रही l उस दिन भारतीय सैनिकों ने बीस पाकिस्तानी टैंक नष्ट किए l यह युद्ध टैंको की सबसे बड़ी लड़ाई थीl लेफ्टीनेन्ट ए. बी . तारापोर पूना होर्स के एक अधिकारी थेl उन्होने 11 Sep. से 16 September 1965 तक पाकिस्तान के विरुद्ध टैंको की लड़ाईयां जीती थीl Lt.Col. ए .बी . तारापोर ने पाकिस्तन के क्षेत्र में फिल्लौरा,वज़िरवाली,जस्सोरान और बुतूर डोगरेन्दी पर अधिकार करने में सहायता किया थाl इन स्थानो में टैंको का भीषण युद्ध हुआ था,जिसमें भारत की महत्वपूर्ण विजय हुई थी l
तीसरे दिन September 11,1965 को तारापोर फिल्लौरा पर पीछे की ओर से आक्रमण करने का निर्णय किया l वे फिल्लौरा की ओर बढने लगे l चविन्दा और फल्लौरा के बीच दुश्मनो को अलग - अलग करने के लिए जैसे ही उन्होने टैंक आगे बढाया वैसे ही वजीरवाली से आए दुश्मन के टैंक ने उन पर आक्रमण कर दियाl तारापोर को एक बहुत तेज टक्कर लगा और वे घायल हो गए l परन्तु वे रुके नही क्योंकि पाकिस्तानी टैंको और तोपो का लक्ष्य एक ही दिशा में था l अत: तारापोर फिल्लौर पर आक्रमण किया और विजयी भी हुए l
Lt.Col.ए.बी.तारापोर वजीरवाली पर आक्रमण करने के दौरान टैंक एवं सैनिकों का मार्ग - दर्शन स्वयं किया l जब कि वे घायल थे और दर्द के कारण वे कमजोर पड़ते जा रहे थे l भारतीय टैंको को आगे बढने में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था l खेतों के आर-पार कई नाले थे,ऊंची-ऊंची फसलें खड़ी थी और पाकिस्तानी टैंक लगातार गोले बरसा
रही थी l भारतीय टैंको को बहूत धिमी गति और सावधानी से आगे बढना था l September 14,1965 को वजीरवाली पर विजय प्राप्त कर ली गई l उन्होने अपना मिशन पुरा कर लिया था l
छ:दिनों तक विकट टैंक युद्ध करते हुए September 16,1965 को Lt.Col.ए.बी. तारापोर घायल हो गए थे, उनके शरीर से रक्त बह रहा था और दर्द से कराह रहे थे, परन्तु वह युद्धभूमि को छोड़ने से इंकार कर दिया क्योंकि वह अपने सैनिकों के साथ रहना चाहते थेl उन्होने उसी युद्धस्थली में अंतिम साँस ली जहाँ पर उनकी विजय पताका लहरा रही थीl
Lt.Col.ए.बी.तारापोर और उनके रेजिमेंट को 60 पाकिस्तानी टैंको को नष्ट किया था, जो कि भारतीय सेना को साहस,निर्भिक्ता और बहादुरी की प्रेरणा देता रहेगा l
जय हिन्द - वन्दे मातरम
September 8, 1965 की प्रात: 9 बजे फिल्लौरा से 15 km. दूर पाकिस्तानी टैंको से पहली बार मुठभेड़ हुई l दिनभर लड़ाई चलती रही l उस दिन भारतीय सैनिकों ने बीस पाकिस्तानी टैंक नष्ट किए l यह युद्ध टैंको की सबसे बड़ी लड़ाई थीl लेफ्टीनेन्ट ए. बी . तारापोर पूना होर्स के एक अधिकारी थेl उन्होने 11 Sep. से 16 September 1965 तक पाकिस्तान के विरुद्ध टैंको की लड़ाईयां जीती थीl Lt.Col. ए .बी . तारापोर ने पाकिस्तन के क्षेत्र में फिल्लौरा,वज़िरवाली,जस्सोरान और बुतूर डोगरेन्दी पर अधिकार करने में सहायता किया थाl इन स्थानो में टैंको का भीषण युद्ध हुआ था,जिसमें भारत की महत्वपूर्ण विजय हुई थी l
तीसरे दिन September 11,1965 को तारापोर फिल्लौरा पर पीछे की ओर से आक्रमण करने का निर्णय किया l वे फिल्लौरा की ओर बढने लगे l चविन्दा और फल्लौरा के बीच दुश्मनो को अलग - अलग करने के लिए जैसे ही उन्होने टैंक आगे बढाया वैसे ही वजीरवाली से आए दुश्मन के टैंक ने उन पर आक्रमण कर दियाl तारापोर को एक बहुत तेज टक्कर लगा और वे घायल हो गए l परन्तु वे रुके नही क्योंकि पाकिस्तानी टैंको और तोपो का लक्ष्य एक ही दिशा में था l अत: तारापोर फिल्लौर पर आक्रमण किया और विजयी भी हुए l
Lt.Col.ए.बी.तारापोर वजीरवाली पर आक्रमण करने के दौरान टैंक एवं सैनिकों का मार्ग - दर्शन स्वयं किया l जब कि वे घायल थे और दर्द के कारण वे कमजोर पड़ते जा रहे थे l भारतीय टैंको को आगे बढने में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था l खेतों के आर-पार कई नाले थे,ऊंची-ऊंची फसलें खड़ी थी और पाकिस्तानी टैंक लगातार गोले बरसा
रही थी l भारतीय टैंको को बहूत धिमी गति और सावधानी से आगे बढना था l September 14,1965 को वजीरवाली पर विजय प्राप्त कर ली गई l उन्होने अपना मिशन पुरा कर लिया था l
छ:दिनों तक विकट टैंक युद्ध करते हुए September 16,1965 को Lt.Col.ए.बी. तारापोर घायल हो गए थे, उनके शरीर से रक्त बह रहा था और दर्द से कराह रहे थे, परन्तु वह युद्धभूमि को छोड़ने से इंकार कर दिया क्योंकि वह अपने सैनिकों के साथ रहना चाहते थेl उन्होने उसी युद्धस्थली में अंतिम साँस ली जहाँ पर उनकी विजय पताका लहरा रही थीl
Lt.Col.ए.बी.तारापोर और उनके रेजिमेंट को 60 पाकिस्तानी टैंको को नष्ट किया था, जो कि भारतीय सेना को साहस,निर्भिक्ता और बहादुरी की प्रेरणा देता रहेगा l
प्रधानमंत्री लाल बहादुर शाश्त्री सैनिकों को जीत की शाबाशी देते हुए
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