Sunday, 26 February 2023

मुसलमान कभी बेरोजगारी का रोना नहीं रोते

मैं हिंदू हूं 

*मुसलमान कभी बेरोजगारी का रोना नहीं रोते* साथ ही बेरोजगारी के कारण * आत्महत्या * भी नहीं करते जबकि *हिन्दुओं* के बच्चे ही रोना रोते हैं *बेरोजगारी* का कारण क्या है नीचे पढ़िये

*एक हिन्दू लड़का मेरे पास आया और बोला- भैया मैं

बेरोजगार हूँ, कहीं नौकरी नहीं मिल रही है, बहुत परेशान हूँ। आप ही बताइये सरकार ने कहा था कि हर साल लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा, सात साल होने को जा रहे हैं, नहीं मिला। * कुछ भी

मैंने उससे कुछ प्रश्न पूछे और सारे प्रश्नों का जबाब इस प्रकार रहा...

तुम टेलरिंग/कटिंग (दर्ज़ी) का काम करोगे?

*नहीं !*

लेडीज़ ब्यूटी पार्लर पर काम करोगे ? 

*नहीं !*

तो मर्दों के नाई (बार्बर) बन जाओ ? 

*नहीं !*

हलवाई का काम कर लो?

*नहीं !* 

बढ़ई (कारपेंटर) का काम करलो ?

*नहीं !*

लुहार का काम करोगे ? 

*नहीं !*

खराद मशीन पर काम करोगे ?

*नहीं !*

वेल्डिंग कर सकते हो?

*नहीं !*

ग्राफिक डिज़ाइन का कुछ काम आता है ?

*नहीं !*

कबाड़ी का काम कर लो ?

*नहीं !* 

सब्जी/फ्रूट का धंधा कर लो ?

नहीं !* 

बाइक रिपेरिंग आती है ?

*नहीं !*

अकाउंट का काम आता है ?

*नहीं !* 

प्लम्बिंग का काम कर सकते हो?

*नहीं।* 

खेती बागवानी का काम करोगे ?

*नहीं !*

मधुमक्खी पालन का काम कर सकते हो ?

*नहीं!*

मछली पालन, कुक्कुट पालन, डेयरी पशुपालन का काम कर सकते हो ?

*नहीं!*

पंचर बना लोगे ?

*नहीं !*

होटल या रेस्टोरेंट में काम करोगे ?
नहीं !*

बिजली रिपेरिंग, पंखा, AC, गीज़र, कूलर, वाशिंग मशीन रिपेरिंग कर लोगे ?

*नहीं !*

कपड़े की दुकान पर काम कर सकते हो ? 

*नहीं !*

किराना दुकान पर काम कर सकते हो ?

*नहीं !*

सिलाई या टेलरीग का काम जानते हो ? 

*नहीं !*

पान मसाला गुटखा बेचोगे ?

*नहीं !*

मजदूरी तो कर ही सकते हो ?

*नहीं !**

फिर मैंने पूछा तुमको *"काम"* क्या आता है ?

*वो बोला जी मैं पढ़ा लिखा हूँ, BA पास हूँ। ये सब काम मेरे लिए नहीं, मुझे तो बस सरकारी क्लर्क की नौकरी चाहिए। वर्ना मेरी शादी भी नहीं होगी। पढ़े लिखे होने के बाबजूद मुझे कोई काम नहीं मिल रहा है। *

वो बोला सरकार ने हम जैसे अनेक युवाओं को बेरोज़गार कर दिया।

तब से दिमाग़ खराब है मेरा |

ये वह लोग हैं_ *जिनको सरकार तो क्या पूरी दुनिया में कोई नौकरी नहीं दे सकता। आज के युवा मेहनत करने के बजाए सरकार को गाली देना बेहतर विकल्प मानते हैं।*

*मैं बोला तुमको ही कुछ काम करना नहीं आता, कमी काम करने वालों की है काम की नहीं, काम चारों तरफ बिखरे पड़े हैं,

और उनको मुस्लिम लड़के झपट रहे हैं । तुम लोग बस सरकारी या किसी 10-15 हजार वाली नौकरी के इंतज़ार में बैठे हो, और बेरोज़गारी का रोना रो-रो कर मोदी का स्यापा कर रहे हो। आज सरकार के "स्किल इंडिया" का लाभ मुस्लिम लड़के उठा रहे हैं और हिन्दू लड़के सरकारी या गैर सरकारी परन्तु नौकरी के इंतज़ार में बैठे रहते हैं ।*

अपने बच्चों को शिक्षित करने के साथ ही हुनरमंद भी बनाइए।

अपने अंदर यह सोच हटा दीजिए कि *" लोग क्या कहेंगे"* या *"लोग क्या सोचेंगे"* क्योंकि लोग क्या कहेंगे यह सबसे खतरनाक वाक्य है जो हमें बर्बाद कर देता है

*बच्चों को समझाइये कि कोई भी काम छोटा नहीं होता । धीरूभाई अंबानी ने पहले पैट्रोल पम्प पर भी नौकरी की थी, और शुरू शुरू में पुराने कपड़ों के खरीदने बेचने का व्यापार किया था।*

अगर वो सरकारी नौकरी का इंतज़ार करते रहते तो, किसी सरकारी विभाग में क्लर्क/मैनेजर बन कर ही रह जाते, और रिलायंस कम्पनी न बनती।

*अटल बिहारी वाजपेई जी जब पाकिस्तान बस लेकर गए थे तब उनके साथ फिल्म अभिनेता देवानंद भी गए थे और देवानंद जो अपनी डिग्री पाकिस्तान से पलायन के समय नहीं ले पाए थे वह डिग्री जब उन्हें दी गई तब उन्होंने कहा कि आज मैं जो कुछ हूं अपनी इस छूटी हुई डिग्री के कारण हूं*

क्योंकि मेरे भाई मुझे नेवी में क्लर्क की नौकरी दिलवा रहे थे क्योंकि मैं अपनी डिग्री पाकिस्तान ही भूल गया था इसीलिए मुझे वह क्लर्क की नौकरी नहीं मिली शुरू में मैं मायूस रहा कि संघर्ष किया और आज मैं इस मुकाम पर हूं

अगर मेरे पास यह डिग्री उस वक्त होती तो मैं आज नेवी का क्लर्क होकर मर जाता मुझे कोई नहीं पहचानता

*बच्चों को हुनर सीखने की सीख दीजिये *

हमें भी अपने समाज के बच्चों को पढ़ाई के अलावा'* कुछ ना कुछ *हुनर* भी सीखने के लिए ध्यान अवश्य दिलाना चाहिए।

समाज का हर व्यक्ति जब कुछ ना कुछ *हुनर* जानने वाला होगा, * बेरोजगारी* की समस्या तभी हल होगी ।

देवाक काळजी रे लिरिक्स | Devak Kalaji


देवाक काळजी रे लिरिक्स | Devak Kalaji Re Lyrics | Redu | Ajay Gogavale
Devaak Kalaji Re from Redu movie by Sagar Vanjari. Starring Shashank Shende, Chhaya Kadam, Gauri Konge, Vinamra Bhabal and Mrunal Supal. And Devak Kalaji Re Lyrics By Lyrics Marathi.
Movie : Redu (2017)
Music by : Vijay Narayan Gavande
Lyrics by : Guru Thakur
Singer : Ajay Gogavale
Music Label : Video Palace
Devak Kalaji Re Lyrics In Marathi 

होणार होतला जाणार जातला

मागे तू फिरू नको

उगाच सांडून खऱ्याची संगत

खोट्याची धरू नको

येईल दिवस तुझा हि माणसा

जिगर सोडू नको

तुझ्या हाती आहे डाव सारा

इसर गजाल कालची रे

देवाक काळजी रे

माझ्या देवाक काळजी रे

सोबती रे तू तुझाच

अन तुला तुझीच साथ

शोधूनि तुझी तू वाट

चाल एकला

होऊ दे जरा उशीर

सोडतोस का रे धीर

रात संपता पहाट

होई रे पुन्हा

देवाक काळजी रे

माझ्या देवाक काळजी रे

फाटक्या झोळीत येऊन पडते

रोजची नवी निराशा

सपान गाठीला धरत वेठीला

कशी रं सुटावी आशा

अवसेची रात नशिबाला

पुनवेची राख पदराला

होईन पुनव मनाशी जागव

खचून जाऊ नको

येईल मुठीत तुझ्याही आभाळ

माघार घेऊ नको

उगाच भयाण वादळ वाऱ्याच्या

पाऊल रोखू नको

साद घाली दिस उद्याचा नव्याने

इसर गजाल कालची रे

देवाक काळजी रे

माझ्या देवाक काळजी रे

Devak Kaljire lyrics in English 
देवाक काळजी रे लिरिक्स | Devak Kalaji Re Lyrics | Redu | Ajay Gogavale
Devaak Kalaji Re from Redu movie by Sagar Vanjari. Starring Shashank Shende, Chhaya Kadam, Gauri Konge, Vinamra Bhabal and Mrunal Supal. And Devak Kalaji Re Lyrics By Lyrics Marathi.
Song Credit
Movie : Redu (2017)
Music by : Vijay Narayan Gavande
Lyrics by : Guru Thakur
Singer : Ajay Gogavale
Music Label : Video Palace
Devak Kalaji Re Lyrics In Marathi And English
Marathi
English
Devak Kalaji Re Lyrics In English

Honaar hotala jaanar jatala

maage tu firu nako

ugaacha sandhun kharyachi sangat

khotyachi dharu nako

yeil divas tuza hi manasa

jigar sodu nako

tuzya haati ahe daav sara

isar gajaal kalachi re

devaak kalji re

mazya devaak kalaji re

sobati re tu tuzach

an tula tuzich saath

shodhuni tuzi tu vaat

chaal ekala

hou de jara ushir

sodtos ka re dhir

raat sampata pahaat

hoi re punha

devaak kalji re

mazya devaak kalaji re

fatakya zolit yein padate

rojachi navi nirasha

sapaan gathila dharat vethila

kashi re sutavi aasha

avasechi raat nashibala

punavechi raakh padarala

hoin punav manashi jaagav

khachun jaau nako

ugaach bhayaan vaadal varyachya

paul rokhu nko

saad ghali dis udycaha navyane

isar gajaal kalchi re

devaak kalji re

mazya devaak kalaji re

Friday, 24 February 2023

स्कूलों में स्वास्थ्य और कल्याण

स्कूलों में स्वास्थ्य और कल्याण
स्वास्थ्य शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और मानसिक कल्याण की स्थिति को स्वास्थ्य  कहते है, न कि केवल बीमारियों से मुक्त -- (काकाजी) श्री रामभद्र
CBSE द्वारा शिक्षको के प्रशिक्षण सत्र 4, आज (25 Feb  2023 ) सम्पन्न हुआ ।
Technical supports: Mr.Dharmendra, Mr. Pritish and Mr. Vishal 

TOPIC:-School Health and Wellness 
स्कूलों में स्वास्थ्य और कल्याण 

स्कूल स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा सुनिश्चित करती है।

भारत में स्कूली बच्चों की सीखने और विकास की जरूरतों को समग्र रूप से पूरा करने के लिए, भारत सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और खाद्य प्रणालियों के बीच संबंधों में निवेश कर रही है और उन्हें प्राथमिकता दे रही है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन और विकास मंत्रालय ने यूनिसेफ के तकनीकी मार्गदर्शन के साथ फरवरी 2020 में स्कूल स्वास्थ्य और कल्याण कार्यक्रम शुरू किया है।
स्कूल छात्रों को आजीवन स्वस्थ व्यवहार स्थापित करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके महत्व को स्वीकार करते हुए, स्कूल आधारित स्वास्थ्य संवर्धन गतिविधियों को आयुष्मान भारत कार्यक्रम के स्वास्थ्य और कल्याण घटक के एक भाग के रूप में शामिल किया गया है। स्कूल स्वास्थ्य और कल्याण कार्यक्रम (फरवरी 2020 में लॉन्च किया गया) जिलों (आकांक्षी जिलों सहित) में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में लागू किया जा रहा है। प्रत्येक स्कूल में दो शिक्षकों, अधिमानतः एक पुरुष और एक महिला, को "स्वास्थ्य और कल्याण राजदूत" के रूप में नामित किया जाएगा, जो स्कूली बच्चों के साथ 11 विषयगत क्षेत्रों पर स्वास्थ्य संवर्धन और रोग की रोकथाम की जानकारी के लिए दिलचस्प आनंदपूर्ण इंटरैक्टिव गतिविधियों के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। हर हफ्ते एक घंटा।

शारीरिक स्वास्थ्य: यह बीमारी या चोट से मुक्त होने की स्थिति है। शारीरिक स्वास्थ्य की समझ के लिए शारीरिक विकास, शारीरिक फिटनेस, स्वस्थ और स्वच्छ खाने की आदतों आदि के बारे में जागरूकता की आवश्यकता है। 

• सामाजिक स्वास्थ्य: इसमें अन्य व्यक्ति और पर्यावरण के साथ अच्छी तरह से बातचीत करने, टीम में काम करने और व्यक्तिगत संबंधों को संतोषजनक बनाने की क्षमता शामिल है। 

• भावनात्मक स्वास्थ्य: इसका अर्थ है भावनाओं को नियंत्रित करने और प्रबंधित करने की क्षमता ताकि व्यक्ति सहज महसूस कर सके। एक व्यक्ति भावनात्मक रूप से स्वस्थ होता है यदि कोई उचित रूप से भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम होता है

3. स्वास्थ्य और कल्याण • मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती: यह कल्याण की एक स्थिति है जिसमें व्यक्ति जीवन के सामान्य तनावों का सामना कर सकता है, उत्पादक और फलदायी रूप से काम कर सकता है, और अपने समुदाय के लिए योगदान करने में सक्षम होता है ..

 • संकट: संकट में भय, अपराधबोध, घबराहट और शर्म, लाचारी, स्वयं पर संदेह करना, भ्रम, अकेलापन, उदासी और क्रोध शामिल हैं। यह एक ऐसा चरण है जहां चुनौती या तनाव का सामना करने वाला व्यक्ति या तो समाधान ढूंढ सकता है और सकारात्मक रूप से आगे बढ़ सकता है या उसे समर्थन या सहायता की आवश्यकता हो सकती है। 

• व्यथित भावनाओं को कई तरीकों से देखा जा सकता है जैसे शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट, अति सक्रिय, गुस्सा या दुर्व्यवहार दिखाना आदि।

4. शारीरिक स्वास्थ्य और शारीरिक विकास जीवन के विभिन्न चरणों के दौरान परिवर्तन शैशवावस्था, बचपन, किशोरावस्था, प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था 

बच्चों में निवेश क्यों करें
ट्रिपल लाभ 
• बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार 
• भविष्य के वयस्क स्वास्थ्य प्रक्षेपवक्र में सुधार 
• बच्चों की अगली पीढ़ी के स्वास्थ्य में सुधार 
Case Studies 
Case 1: 
वृद्धि और विकास में भिन्नता राकेश और मिहिर, स्कूल से एक साथ घर जा रहे हैं। राकेश मिहिर को यह कहकर चिढ़ाने लगता है कि वह लड़की की आवाज में बोलता है। वह इस बात पर भी हंसता है कि मिहिर के ऊपरी होंठ पर बाल नहीं हैं। "मुझे देखो," राकेश कहते हैं, "मैं एक असली आदमी हूँ। मेरी आवाज मजबूत है और मेरा चेहरा मर्दाना है- मेरे चेहरे पर बहुत बाल हैं। मेरे पिता मुझे शेर कहते हैं। यह वास्तव में मिहिर को शर्मिंदा करता है। वह याद करता है कि उसकी मां अब भी उसे 'माई स्वीट बॉय' कहती है। वह घर जाने का फैसला करता है और अपनी मां से पूछता है कि वह राकेश से इतना अलग क्यों है और क्या उसके साथ कुछ गलत है।

Case studies 2
साथियों का सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव राजू हर समय पढ़ाई करता था, चाहे स्कूल में हो या घर पर। उसने हमेशा अच्छे अंक प्राप्त किए। उनका कोई अन्य हित या शौक नहीं था। जब उन्होंने आठवीं कक्षा में एक नए स्कूल में दाखिला लिया, तो जहीर और मोती से उनकी दोस्ती हो गई। दोनों उत्सुक क्रिकेटर थे। राजू ने उनके साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया और पाया कि वह एक अच्छा स्पिन गेंदबाज है। उसके माता-पिता अब चिंतित हैं कि वह खेल के मैदान में बहुत अधिक घंटे बिता रहा है जिससे उसकी पढ़ाई प्रभावित हो सकती है।

Case studies 3 
स्टीरियो टाइप बॉडी इमेज कक्षा सात में शालिनी और उसके दोस्त स्कूल के वार्षिक समारोह की तैयारी कर रहे थे। वे सभी बहुत उत्साहित थे। शालिनी शास्त्रीय नृत्य में भाग ले रही थी, जबकि उसकी सहपाठी अनीता और फराह नाटक में थीं। एक दिन अनीता ने उसका मज़ाक उड़ाते हुए कहा, “तुम कितनी काली हो। आपको मंच पर देखने के लिए हमें अतिरिक्त प्रकाश की आवश्यकता होगी।" शालिनी ने उसका कोई उत्तर नहीं दिया। फराह को शालिनी के लिए बुरा लगा और उन्होंने कहा, “तुम बहुत अच्छा डांस करती हो। गोरा रंग पाने के लिए आप फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल क्यों नहीं करतीं? क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर आपका रंग गोरा होगा तो आप मंच पर कितनी अच्छी दिखेंगी?” शालिनी मुस्कुराई और बोली, “धन्यवाद, फराह। मैं आपकी चिंता की सराहना करता हूं लेकिन मैं अपने रंग से खुश हूं जैसा कि यह है। मेरे शिक्षक और मैं अपने नृत्य अभ्यास पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं और मुझे विश्वास है कि हमारे प्रयासों और आपकी शुभकामनाओं से अच्छा प्रदर्शन होगा।

Case studies 4:  
दोस्ती और धमकाना सुजीत और मनोज स्कूल के गेट के ठीक बाहर एक दुकान से संगीत की सीडी खरीद रहे थे। उन्होंने शरद को घर जाते देखा। उन्होंने उसे पकड़ लिया और सीडी खरीदने के पैसे के लिए धमकाया। शरद ने मना कर दिया क्योंकि लगभग एक साल पहले कक्षा 9 में इस स्कूल में शामिल होने के बाद से उन्हें अक्सर पैसे उधार देने के लिए मजबूर किया गया था। दोनों लड़कों ने उधार लिए पैसे कभी नहीं लौटाए। जब शरद ने इनकार किया तो दोनों दबंगों ने उसे तब तक धक्का दिया जब तक वह गिर नहीं गया, फिर उसके पैसे छीन कर भाग गए। शरद की क्लास पढ़ाती है ।

Wednesday, 22 February 2023

How is Glass Produced?

WHAT IS GLASS?
Glass is known for its fragility as well as firmness that makes it typical of a solid. At the same time, it can be qualified as a liquid, owing to its somewhat fluid nature. 
But, scientifically, glass is what is called an amorphous solid – a state between two states of matter. In terms of conductivity, glass has neither thermal nor electrical, since it has no reaction with the commonly known chemical compounds. 

What is Glass Made of?
The primary raw materials in glass are sand, soda, limestone, clarifying agents, coloring and glistening glass. Glass sand is about ¾th of the entire glass composition.
How is Glass Produced?
A float line is almost like a river of glass that exits the furnace before its cooling process. It makes its way to nearly 300 meters, after which it is cut into large sheets; these sheets typically measure 3.21x2.25 meters. Hence a float line is capable of continuously producing glass round-the-clock.

Float Glass
Float glass, commonly known as flat glass, is made by floating molten glass on a bed of molten tin. The molten glass spreads onto the surface of the metal and produces a high quality, consistently level sheet of glass that is later cut into required sizes. This method gives the glass uniform thickness and a very flat surface. The glass manufactured thus is devoid of waves or distortion. This technique can continuously produce glass 24/7. It is therefore a river of glass that exits the furnace before being cooled as it progresses along its path of around 300 meters and is then cut into very large sheets, which most frequently measure 3.21x2.25 meters. The float glass production process can be divided into five universal steps:
1.Batching of raw materials:
The main components, comprising silica sand, calcium oxide, soda & magnesium are weighed and mixed into batches to which recycled glass (cullet) is added. The use of ‘cullet’ reduces the consumption of energy. The materials are tested and stored for mixing later under computerized control. The superior clarity offered by Saint-Gobain Clear Glass, is a result of purity in raw materials, precision in composition and strict adherence to high quality standards in the manufacturing process. The company has a dedicated sand beneficiation plant in Tada where silica sand (to be used in manufacturing) is purified, and excess iron content is removed from the material.
2.Melting of raw materials in the furnace:
The batched raw materials pass from a mixing silo to a five-chambered furnace where they become molten. Temperatures in the furnace reach upto 1600°C.

3.Drawing the molten glass onto the tin bath:
The molten glass is then "floated" onto a bath of molten tin at a temperature of about 1000°C. It forms a “ribbon” which is normally between 5 and 6 mm. By suitably drawing the glass through a complex process involving top roll machines, ribbon thickness in the range of 1.9mm to 19mm can be achieved. The glass, which is highly viscous, and the tin, which is very fluid, do not mix and the contact surface between these two materials is perfectly flat, giving the term “flat” glass to the final product.

4.Cooling of the molten glass in the annealing lehr:
On leaving the bath of molten tin, the glass - now at a temperature of 600°C - has cooled down sufficiently to pass to an annealing chamber called a lehr. The glass is now hard enough to pass over rollers and is annealed, which modifies the internal stresses, enabling it to be cut and worked in a predictable way and ensuring flatness of the glass. As both surfaces are fire finished, they need no grinding or polishing

5.Quality checks, automatic cutting, and storage: 
After cooling, the glass undergoes rigorous quality checks. It is then cut into sheets of sizes varying upto a maximum of 6000mm x 3660 mm which are, in turn, automatically stacked, stored and ready for transport.

Applications
Float glass is used for glazing wherever full transparency is required in buildings. It is used as a base material for safety glass, reflective glass and self-cleaning glass, among others. It can be used in precision mechanics, especially where extreme surface flatness is required. E.g., for visual displays.

Monday, 20 February 2023

What is meiosis?

What is meiosis?
Meiosis is a type of cell division whereby the cell divides two times through two phases known as Meiosis I and Meiosis II to form 4 daughter cells. Each daughter cell contains half of the parent’s number of chromosomes. This process occurs only in the sex cells which are spermatozoa and ova.
These two gametes (spermatozoa and ova) differentiate to form the various cells and tissues of the body. This is the reason why they are called Germ cells (which are cells that can differentiate to produce other cells). The process starts with a single diploid cell and produces four haploid cells.

It is part of the cell cycle too just like mitosis. For you to better understand what meiosis is all about, you need to understand the types of cells in the body. There are two types of cells in the body: the sex cells (involve in the production of the spermatozoa in males and also involved in the production of ova or eggs in females) and the somatic cells (the body cells that make up different cells and tissues of the body).
When the body needs to replace a damaged part of the mouth or gastrointestinal tract or part of the skin, the body initiates the process of Mitosis in the cells of that tissue. The surrounding healthy cells of the damaged tissue will divide to replace the damaged ones. All this process occurs when the cell receives a signal to enter the M-phase of the cell cycle.

When the cell has not received a signal (that is when no cell is damaged) what the cells do is to continue their normal functions in the body (this is the interphase phase of the cell cycle). This is what happens in somatic cells (body cells).

In the sex cells (gametes), the cell cycle occurs too. When the spermatozoa or ova are not dividing, they will continue to grow to maturity in where they are stored. For the female, when the egg (ovum) matures and is released without meeting the spermatozoon, it will disintegrate and flow out of the female body in the process of menstruation (menstrual cycle).
When the egg meets and fused with the spermatozoon, a zygote is formed and the process of forming a fetus to a baby starts.

What this means is that the sex cells also undergo the cell cycle and they have the interphase as well as the M-phase too; therefore the M-phase of the cell cycle in sex cells (or gametes) is called Meiosis just as the M-phase of the cell cycle in somatic cells is called Mitosis
Meiosis is a type of cell division occurring only in sex cells or gametes (such as spermatozoa and ova) that involves a single parent cell dividing to produce four daughter cells. These are genetically different and each of the daughter cells having half of the number of chromosomes of the parent cell 

(this is the reason why meiosis is also called the reduction division process).

Definition of terms
There is a need to explain some terms used to describe this for you to understand easily.

Diploid cell: a diploid cell is used to refer to a cell having two complete sets of chromosomes (from the male and female parent in humans, this number is 23 male plus 23 female parents giving rise to 46 chromosomes); the abbreviation for diploid is 2n

Haploid cell: a haploid cell is used to describe a cell having one complete set of chromosomes. 
The abbreviation for haploid is n.
Crossing over: refers to the exchange of genetic components by the chromosomes in a sex cell (gamete) before the cell division. 

Crossing over leads to genetic variability and occurs in the interphase and prophase 1 of meiosis. It is started in interphase and continued in the prophase 1 stage.
Bivalent chromosomes: these are chromosomes from male and female parents which normally line up to form synapsis or exchange points (chiasmata) in the prophase 1 phase.
Synapsis (also called Crossing over): this is the process whereby bivalent chromosomes join at meet points called Chiasmata to exchange genetic components.

What is the purpose of meiosis?
The main function of meiosis is to produce gametes (sex cells) such as the male gamete (known as Spermatozoa) and the female gametes (ova). The process for the production of male gametes is called Spermatogenesis, and the process of producing the female gametes is called Oogenesis. The general name for the production of gametes (both the female and male gametes) is called Gametogenesis. Whatever is going on during oogenesis or spermatogenesis is the process of meiosis. Without these cells, reproduction will not be possible. Therefore, it can occur in both animals and plants.

Functions of meiosis
* It helps in the production of male sex cells
* Important in the production of female sex cells
* Abnormal meiosis leads to chromosomal abnormalities such as Down syndrome (trisomy 21), 
* Klinefelter syndrome (47, XXY or XXY) and other chromosomal anomalies.
It keeps the process of reproduction
The Process of Meiosis
This process involves two steps: Meiosis I and Meiosis II; each of these two steps of meiosis has stages just as in mitosis: prophase, metaphase, anaphase, and telophase. The explanation of each step with the stages will be described below with diagrams to help in understanding. The number of chromosomes shown in the diagrams has been reduced to make it easy for understanding.

Steps of meiosis
Meiosis I
Meiosis II
Each step has stages just as in mitosis but is named with a number after every stage to signify the step. So there will be prophase 1 (to signify prophase stage of meiosis 1); metaphase 1 (to signify metaphase stage of meiosis 1) while metaphase II (or metaphase 2) refers to metaphase stage of meiosis 2.

Stages or Phases of Meiosis
The stages of meiosis are similar to mitosis with few differences especially in Meiosis 1. Meiosis 2 is very similar to Mitosis but ends with the production of 4 genetically variable haploid daughter cells.

Stages of Meiosis 1
Prophase 1
Metaphase 1
Anaphase 1
Telophase 1

Prophase 1
In early prophase I, the chromosomes condense and become visible
Homologous chromosomes pair up to form bivalent chromosomes
Crossing over of chromatids to exchange genetic components occurs in this stage.
The members of each chromosomal pair can be seen repelling each other but are still held at the crossing-over points called chiasmata
Late Prophase 1 stage of Meiosis 1
Late Prophase 1 stage of Meiosis 1

Metaphase 1
Bivalents chromosomes line up across the equator (center or middle) of the spindle fibersDiagram of 

Anaphase 1
In anaphase I, the homologous chromosomes move to the opposite poles of the spindle fibers.


Telophase 1
Chromatids separate
Reformation of nuclear envelope occurs
The cell begins to divide (cytokinesis)

Animal cells usually divide before entering meiosis II but in many plant cells, there is no reformation of nuclear envelope or nucleoli.

Stages of Meiosis 2
Prophase II
Metaphase II
Anaphase II
Telophase II
In meiosis 2, the two cells produced in meiosis 1 will now divide again to form 2 more cells bringing the total to 4 daughter cells.Diagram of Prophase II and Metaphase II of Meiosis
Prophase II and Metaphase II

Prophase 2
The nuclear envelope and nucleolus disappear
Centrosomes and centrioles replicate and move to opposite poles of the cell.

Metaphase 2
Chromosomes line up separately across the equator of spindle fibers.

Anaphase II stage
Anaphase 2
In this stage, the centromeres divide and the microtubules pull the chromatids to opposite polesTelophase 2 of Meiosis

Telophase 2
Telophase 2
Cytokinesis occurs for the second time
The telophase II phase is as that of mitosis, but with the production of 4 haploid daughter cells.

Facts about the process of meiosis
Number of chromosomes produced at the end of meiosis
The number of chromosomes in a parent cell is reduced by half so that every daughter cell gets half of the number of chromosomes that the parent cell had.

How many daughter cells are produced?
Four daughter cells are produced from a single parent cell in Meiosis and each of these daughter cells has a different genetic makeup or composition from others. This genetic variability of the daughter cells occurs due to the crossing over of chromosomes that occur in Meiosis 1 leading to the exchange of genes. This is different from Mitosis in which a single parent cell divides itself to form two daughter cells.

How many cell divisions occur during meiosis?
Two cell divisions occur. The first cell division is called Meiosis 1 and it is a reduction process where the number of chromosomes of the parent cell is reduced by half while the second cell division is called Meiosis 2 and involves the crossing over of chromosomes.

What type of cell undergoes meiosis?
Only the sperm cells (spermatozoa) and the ova undergo meiosis; this means that only gametes (sex cells) undergo this process.

What is the end result of meiosis?
The end result of meiosis is the production of four daughter cells that are genetically different from each other even though all received their genetic composition from the parent cell. The number of chromosomes in each of the four cells produced is half of the number in the parent cell.

Saturday, 18 February 2023

Isha Mahashivratri 2023

18 फरवरी 2023 - ईशा महाशिवरात्रि 
महाशिवरात्रि भारत के पवित्र त्योहारों में सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। त्योहार शिव की कृपा का जश्न मनाता है, जिन्हें आदि गुरु या प्रथम गुरु माना जाता है, जिनसे योगिक परंपरा की उत्पत्ति हुई है। इस रात को ग्रहों की स्थिति, जो वर्ष की सबसे अंधेरी रात भी है, ऐसी है कि मानव प्रणाली में ऊर्जा का एक शक्तिशाली प्राकृतिक उछाल होता है। पूरी रात जागते और जागते रहना किसी के शारीरिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
शिव शिव
महाशिवरात्रि की भावना में आपको लाने के लिए यहां एक गीत है। सुनें और बिना किसी प्रयास के हंसी-मजाक से आपको प्रभावित होने दें।

त्रिगुण
तीन बल। तीन गुण। तीन देव। एक तिकड़ी, सतह पर अलग प्रतीत होती है, लेकिन थोड़ी गहराई में जाएं, और आप एक सहज मिलन पाएंगे। त्रिमूर्ति और एकता के बीच की खाई को पाट दें, और आप महादेव को पा लेंगे।

निर्वाण शतकम
सबसे प्रसिद्ध संस्कृत मंत्रों में से एक, निर्वाण शतकम् की रचना स्वयं आदि शंकराचार्य ने एक हजार साल पहले की थी। यह मंत्र एक आध्यात्मिक साधक की खोज का प्रतीक है।
गुरु पादुका स्तोत्रम्
गुरु पादुका स्तोत्रम एक बहुत शक्तिशाली मंत्र है जो "गुरु के सैंडल" की महिमा करता है, जिसे प्रतीकात्मक रूप से "जीवन के अंतहीन महासागर को पार करने में मदद करने वाली नाव" के रूप में दर्शाया गया है। यह जप व्यक्ति को गुरु की कृपा के प्रति ग्रहणशील बनने में सक्षम बनाता है।

डमरू
डमरू आदियोगी, पहले योगी का वाद्य यंत्र है। वह आदि गुरु या प्रथम गुरु भी हैं। योग विद्या कहती है कि गुरु पूर्णिमा के दिन, उन्होंने अपने सात शिष्यों को योग के विज्ञान की पेशकश करने का फैसला किया, जो अब सप्तऋषियों के रूप में मनाए जाते हैं।
शिवाष्टकम
ईशा की ध्वनि की मंत्र श्रृंखला से, आदि शंकराचार्य का काम ईशा के अपने संगीत पर सेट है। मूल रूप से सद्गुरु के साथ एक गुरु पूर्णिमा सत्संग के दौरान किया गया।

ॐ नमः शिवाय
यह मंत्र, जब जागरूकता के साथ बोला जाता है, तो सिस्टम को शुद्ध करने और ध्यान में लाने में मदद करता है। ॐ नमः शिवाय, जिसे कुछ संस्कृतियों में महामंत्र के रूप में माना जाता है, का पंचाक्षरों या प्रकृति के पांच तत्वों से कुछ लेना-देना है।

शंभो
इस जप का संबंध शिव के अधिक कोमल रूपों से है। अपने जंगली और पागल रूपों के विपरीत, शम्बो शिव का एक सौम्य, सुंदर रूप है। यह आपको खोलने और सीमाओं को तोड़ने की कुंजी हो सकती है।

दक्षिणायनम्
दक्षिणायन या ग्रीष्म संक्रांति के अवसर पर साउंड्स ऑफ ईशा द्वारा रचित, वह महत्वपूर्ण समय जब आदियोगी ने अपने सात शिष्यों को योग प्रसारित करने के लिए आदि गुरु, पहले गुरु बनने का फैसला किया।

शिव शिव
महाशिवरात्रि की भावना में आपको लाने के लिए यहां एक गीत है। सुनें और बिना किसी प्रयास के हंसी-मजाक से आपको प्रभावित होने दें।

त्रिगुण
तीन बल। तीन गुण। तीन देव। एक तिकड़ी, सतह पर अलग प्रतीत होती है, लेकिन थोड़ी गहराई में जाएं, और आप एक सहज मिलन पाएंगे। त्रिमूर्ति और एकता के बीच की खाई को पाट दें, और आप महादेव को पा लेंगे।

निर्वाण शतकम
सबसे प्रसिद्ध संस्कृत मंत्रों में से एक, निर्वाण शतकम् की रचना स्वयं आदि शंकराचार्य ने एक हजार साल पहले की थी। यह मंत्र एक आध्यात्मिक साधक की खोज का प्रतीक है।

गुरु पादुका स्तोत्रम्
गुरु पादुका स्तोत्रम एक बहुत शक्तिशाली मंत्र है जो "गुरु के सैंडल" की महिमा करता है, जिसे प्रतीकात्मक रूप से "जीवन के अंतहीन महासागर को पार करने में मदद करने वाली नाव" के रूप में दर्शाया गया है। यह जप व्यक्ति को गुरु की कृपा के प्रति ग्रहणशील बनने में सक्षम बनाता है।

डमरू
डमरू आदियोगी, पहले योगी का वाद्य यंत्र है। वह आदि गुरु या प्रथम गुरु भी हैं। योग विद्या कहती है कि गुरु पूर्णिमा के दिन, उन्होंने अपने सात शिष्यों को योग के विज्ञान की पेशकश करने का फैसला किया, जो अब सप्तऋषियों के रूप में मनाए जाते हैं।

शिवाष्टकम
ईशा की ध्वनि की मंत्र श्रृंखला से, आदि शंकराचार्य का काम ईशा के अपने संगीत पर सेट है। मूल रूप से सद्गुरु के साथ एक गुरु पूर्णिमा सत्संग के दौरान किया गया।

ॐ नमः शिवाय
यह मंत्र, जब जागरूकता के साथ बोला जाता है, तो सिस्टम को शुद्ध करने और ध्यान में लाने में मदद करता है। ॐ नमः शिवाय, जिसे कुछ संस्कृतियों में महामंत्र के रूप में माना जाता है, का पंचाक्षरों या प्रकृति के पांच तत्वों से कुछ लेना-देना है।

शंभो
इस जप का संबंध शिव के अधिक कोमल रूपों से है। अपने जंगली और पागल रूपों के विपरीत, शम्बो शिव का एक सौम्य, सुंदर रूप है। यह आपको खोलने और सीमाओं को तोड़ने की कुंजी हो सकती है।
दक्षिणायनम्
दक्षिणायन या ग्रीष्म संक्रांति के अवसर पर साउंड्स ऑफ ईशा द्वारा रचित, वह महत्वपूर्ण समय जब आदियोगी ने अपने सात शिष्यों को योग प्रसारित करने के लिए आदि गुरु, पहले गुरु बनने का फैसला किया।

महाशिवरात्रि 2023: व्रत का समय, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, सामग्री और मंत्र

महाशिवरात्रि 2023: व्रत का समय, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, सामग्री और मंत्र
महाशिवरात्रि हिंदुओं के शुभ त्योहारों में से एक है और इसे "शिव की महान रात" के रूप में भी जाना जाता है, जो भगवान शिव के सम्मान में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि हिन्दू महीने फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की 14वीं तिथि को मनाई जाएगी, जो 18 फरवरी 2023 को पड़ेगी। आध्यात्मिक ज्ञान, शक्ति और मार्गदर्शन के लिए भगवान शिव।

महाशिवरात्रि 2023: शुभ मुहूर्त और पूजा सामग्री

द्रिक पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि शनिवार, 18 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी और ये हैं शुभ मुहूर्त:
* चतुर्दशी तिथि- 18 फरवरी 2023 को रात 08:02 बजे से 19 फरवरी 2023 को शाम 4:18 बजे तक.

* रात्रि प्रथम प्रहर पूजा का समय- 19 फरवरी 2023 को रात्रि 06:13 से रात्रि 09:24 तक।

* रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा का समय- 19 फरवरी 2023 को रात्रि 09:24 से 12:35 पूर्वाह्न तक।

* रात्रि तृतीय प्रहर पूजा का समय- 19 फरवरी 2023 को 12:35 AM से 03:46 AM तक।

* रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा का समय- 03:46 AM से 06:56 AM, 19 फरवरी 2023.

• दूध, पानी और बेल पत्र आत्मा की शुद्धि का प्रतीक हैं।

• भगवान शिव की पूजा के दौरान विभिन्न फलों का दान किया जाता है जो मनोकामनाओं की पूर्ति और दीर्घायु का प्रतीक है

• अगरबत्ती समृद्धि का प्रतीक है

• पान के पत्ते सांसारिक इच्छाओं की संतुष्टि का प्रतीक हैं

• बिजली का दीपक ज्ञान और ज्ञान की प्राप्ति का प्रतीक है।

• विभूति या पवित्र राख

• पूजा के लिए अन्य वस्तुएं फूल, गुलाब जल, दही, घी, शहद, चीनी, पानी और चंदन हैं।

महाशिवरात्रि 2023: मंत्र
महाशिवरात्रि पूजा के दौरान बोले जाने वाले सामान्य मंत्रों में से एक है ओम नमः शिवाय। अन्य मंत्रों में शौपंचाक्षरी शिव मंत्र, रुद्र मंत्र, रुद्र गायत्री मंत्र और महा मृत्युंजय मंत्र शामिल हैं। माना जाता है कि ये पांच शिव मंत्र हमारे जीवन को बदल देते हैं।

महाशिवरात्रि 2023: अनुष्ठान और पूजा विधि

भक्तों को महाशिवरात्रि के व्रत से पहले एक बार भोजन करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उपवास के दिन पाचन तंत्र में कोई भी अपचित भोजन नहीं बचा है।

* आपको जल्दी उठकर स्नान करने की आवश्यकता है। आप पवित्र स्नान के लिए काले तिल डाल सकते हैं और ऐसा माना जाता है कि पानी शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है।

* स्नान करने के बाद भक्तों को संकल्प लेना चाहिए कि वे पूरे दिन उपवास रखेंगे और अगले दिन उपवास तोड़ेंगे।

* व्रत के दौरान भक्तों को सभी प्रकार के भोजन से परहेज करना होता है। वे दिन के समय केवल फल और दूध का सेवन कर सकते हैं।

* भक्तों को शिव की पूजा करने या मंदिर जाने से पहले शाम को दूसरा स्नान करना चाहिए।

* शिव पूजा आमतौर पर रात के दौरान की जाती है। शिवरात्रि पूजा रात्रि में एक बार या चार बार की जा सकती है।

* लोग अभिषेक के लिए दूध, गुलाब जल, चंदन का पेस्ट, दही, शहद, घी, चीनी और पानी का उपयोग कर सकते हैं। भक्त पहले प्रहर में जल, दूसरे प्रहर में दही, तीसरे प्रहर में घी और चौथे प्रहर में शहद के अलावा अन्य सामग्री का अभिषेक कर सकते हैं।

* अभिषेक के बाद, शिव लिंग को बिल्व के पत्तों से बनी माला से सजाया जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ये पत्ते भगवान शिव को शांत करते हैं।

* फिर शिव लिंग पर चंदन या कुमकुम लगाया जाता है, उसके बाद दीपक और धूप जलाई जाती है। भगवान शिव को सुशोभित अन्य वस्तुओं में मदार का फूल और विभूति शामिल हैं।

* लोग अगले दिन नहा-धोकर व्रत तोड़ सकते हैं। व्रत का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए व्रत तोड़ने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय के बीच और चतुर्दशी तिथि के अंत से पहले है।

Tuesday, 14 February 2023

हमारी आकाशगंगा, मिल्की वे, एंड्रोमेडा से टकराने जा रही है

हमारी आकाशगंगा, मिल्की वे, एंड्रोमेडा से टकराने जा रही है, जो अपने से दुगुना बड़ा है। गुरुत्वाकर्षण के कारण ये 113 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से एक दूसरे की ओर बढ़ रहे हैं। उनके 4.5 अरब वर्षों में एक-दूसरे से टकराने की उम्मीद है, लेकिन उनकी बाहरी परतें पहले ही विलीन होना शुरू हो चुकी हैं।
वहीं, पृथ्वी पर लोग एंड्रोमेडा, जिसे मेसियर 31 भी कहते हैं, अपनी आंखों से देख सकते हैं।

हम एंड्रोमेडा आकाशगंगा को कब देख पाएंगे?

क्योंकि यह बहुत दूर है, एंड्रोमेडा में हल्की चमक है। इसलिए, इसे नग्न आंखों से देखने के लिए, स्पष्ट आकाश होना पर्याप्त नहीं है। चंद्रमा की सतह पर थोड़ा प्रकाश होना चाहिए और चमकीले धब्बे नहीं होने चाहिए।

अगस्त के मध्य से नवंबर तक हमारे ग्रह के दोनों गोलार्द्धों में रात के आकाश में सर्पिल आकाशगंगा देखी जा सकती है। एंड्रोमेडा 2.5 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है, लेकिन यह आकाश में केवल एक चौथाई डिग्री तक ही व्याप्त है। नासा का कहना है कि यह पूर्णिमा के चांद की आधी चौड़ाई के बराबर है।
इस वजह से, आप पहले से ही इन तारीखों पर आकाशगंगा देख सकते हैं, लेकिन अमावस्या के करीब की रातों में इसे देखना सबसे अच्छा है। अगस्त का आखिरी सप्ताह है जब यह चरण होगा (24 अगस्त से 31 अगस्त तक)। इसके अलावा, किसी शहर के बाहर या देश में कम प्रकाश प्रदूषण वाले स्थान की तलाश करें।

Monday, 13 February 2023

वेब टेलीस्कॉप ने हमारे जैसी दूर की सर्पिल आकाशगंगा (LEDA 2046648 ) की खोज की है

वेब टेलीस्कॉप ने हमारे जैसी दूर की सर्पिल आकाशगंगा की खोज की है 
LEDA 2046648.Credit...ESA/Webb, NASA & CSA, A. Martel
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कॉप द्वारा लिया गया एक चित्र जिसमें सर्पिल आकाशगंगा के चारों ओर तारे और आकाशगंगाएँ दिखाई दे रही हैं।

LEDA 2046648 हमारी मिल्की वे आकाशगंगा के समान है, लेकिन यह एक अरब प्रकाश वर्ष दूर है।

ब्रह्मांड के अथाह अंधकार और समय में, हर तारा आशा का शगुन है, जीवन और आश्रय का वादा है, जैसे ठंडे समुद्र में दूर के जहाज की रोशनी।

और इसलिए, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के सौजन्य से, यहाँ प्रकृति की उर्वरता और उदारता का एक और अनुस्मारक है: हजारों आकाशगंगाएँ, खरबों तारे और अनगिनत ग्रह, आकाश के एक छोटे से हिस्से में 13 अरब साल पीछे फैली संभावनाओं का एक असीम क्षेत्र नक्षत्र हरक्यूलिस में।

निचले केंद्र में एक सर्पिल आकाशगंगा है जिसे LEDA 2046648 के रूप में जाना जाता है। यह एंड्रोमेडा, M31, या इसके जुड़वां, हमारी अपनी मिल्की वे आकाशगंगा में महान आकाशगंगा के लिए एक मृत घंटी की तरह दिखता है - सिवाय इसके कि LEDA आकाशगंगा एक अरब प्रकाश वर्ष दूर है।

एक अरब साल पहले, जब इस छवि से प्रकाश उत्सर्जित किया गया था, तो पहले बहुकोशिकीय जीव पृथ्वी पर उभरे थे और पौधों, मछलियों, डायनासोरों, मनुष्यों और जो कुछ भी आगे आता है, उसकी विकासवादी सीढ़ी पर अपना रास्ता टटोल रहे थे।

वेब टेलीस्कोप के मुख्य मिशनों में से एक उस उम्र का पता लगाना है जब पहले सितारों और आकाशगंगाओं ने ब्रह्मांड को रोशन करना शुरू किया था। वेब की गुप्त चटनी दृश्य प्रकाश की तुलना में अवरक्त किरणों, या लंबी तरंग दैर्ध्य के विद्युत चुम्बकीय विकिरण का पता लगाने की क्षमता है जो इस प्रकार मानव आंखों के लिए अदृश्य है। ब्रह्मांड के विस्तार के साथ, अरबों प्रकाश-वर्ष दूर की वस्तुएं पृथ्वी से इतनी तेजी से दूर जा रही हैं कि उनका प्रकाश लंबे समय तक इन्फ्रारेड तरंग दैर्ध्य में "रेडशिफ्ट" हो जाता है, जिसे वेब टेलीस्कोप देख सकता है।

ब्रह्मांड जैसा कि हम सोचते हैं कि हम जानते हैं कि यह लगभग 13.8 अरब साल पहले बिग बैंग के साथ अस्तित्व में आया था। इस छवि में लगभग सभी वस्तुएँ दूर की आकाशगंगाएँ हैं; उनमें से कुछ सितारों को उनके छह-नुकीले विवर्तन स्पाइक्स द्वारा अलग किया जा सकता है। माना जाता है कि कुछ बैकग्राउंड ब्लब्स ब्रह्मांड के शुरू होने के ठीक 300 मिलियन साल बाद के हैं।

खगोलविदों का कहना है कि इस तरह की आदिम आकाशगंगाओं का अध्ययन करने से यह स्पष्ट करने में मदद मिलनी चाहिए कि बिग बैंग से पहले किस प्रकार के तारे संघनित हुए और आज लगभग सभी आकाशगंगाओं के केंद्रों पर सुपरमैसिव ब्लैक होल कैसे आए। इन जांचों के प्रारंभिक परिणामों ने पहले ही वैज्ञानिकों को यह संकेत देकर आश्चर्यचकित कर दिया है कि ब्रह्मांडीय उत्पत्ति के पारंपरिक मॉडलों की भविष्यवाणी की तुलना में अधिक प्रारंभिक आकाशगंगाएं और बड़े पैमाने पर ब्लैक होल हो सकते हैं।

LEDA आकाशगंगा की यह छवि 22 मई, 2022 को प्राप्त की गई थी, जबकि यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी से जुड़े खगोलविद टेलीस्कोप के वर्कहॉर्स कैमरा, नियर इंफ्रारेड कैमरा या NIRCam का परीक्षण कर रहे थे; ईएसए ने टेलीस्कोप बनाने और चलाने के लिए नासा और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के साथ भागीदारी की। 31 जनवरी को, ईएसए ने तस्वीर को महीने की तस्वीर के रूप में जनता के लिए जारी किया।

अनंत काल के इस स्नैपशॉट को देखकर, यह आश्चर्य नहीं करना मुश्किल है कि क्या सूक्ष्म जीव या कुछ और एलईडीए 2046648 या छवि में अन्य चमकदार बूँदों में से एक समान रूप से इसे बना रहे थे, और क्या हम कभी जान पाएंगे। 

GL BAL INVESTORS SUMMIT

GL BAL INVESTORS SUMMIT
Today, am happy to announce that we plan to invest an additional Rs. 75,000 crore in UP over the next four years across Jio, Retail, and Renewable Businesses.

These new investments will create an 12 additional over 1 lakh jobs in the state.""

When I last visited the summit in 2018, Reliance was just beginning its journey in Uttar Pradesh and had committed to Yogi ji that Reliance would be a reliable partner to Uttar Pradesh. True to our word, from 11 that day till now we have invested Rs 50,000 crores in Uttar Pradesh. Our businesses have not only been GROWTH MULTIPLIERS as they enable several sectors of the economy to grow, but also EMPLOYMENT MULTIPLIERS.""
Reliance Foundation, is contributing to the success of Pradhan Mantri ji's Namaami Gange Mission. It will continue to engage with partners and government in its mission to transform lives and livelihoods in the 10 state. In a nutshell, Reliance will continue to work for UP, jee jaan se ""

In New Energy, we will set up 10 GW of Renewable Energy capacity - the largest in UP. We will also start an ambitious new Bio-Energy business. Reliance ke Bio-Energy udyog se UP ke kisanon ko 9 bahut bada laabh hoga. Hamare kisan Anna Daataa to hain hi,...ab Urja Daataa bhi banenge.""

Reliance Retail will revolutionise hundreds of thousands of kiraanas and small stores across UP, enabling them to grow more and earn more. More importantly, we will increase manifold our sourcing of a wide 8 range of agriculture and non-agro products from the state. It will benefit our hard-working kisans, local artisans, craftsmen, MSMEs, as well as the supply-chain ecosystem in UP.

Jio will complete its rollout of 5G to cover every town and village in UP in ten months from today. Jio Platforms will help modernise all areas of business and industry, agriculture, social sector, and 7 governance. We plan to pilot our two new innovative initiatives, Jio School and Jio Al Doctor to bring top-class education and healthcare most affordably to villages and small towns across the state of Uttar Pradesh.""

Jaise aaj, Poori duniya ke liye Bharat aasha ka kendra ban gaya hai... Vaise hi aaj, Naye Bharat ke liye Uttar Pradesh aasha ka kendra ban gaya hai. Noida se Gorakhpur tak, logon mein josh aur utsah 5 dikh raha hai. Law and order ki baat ho, Infrastructure ki baat ho, Ease of doing business ki baat ho, Uttar Pradesh Bharat ka Uttam Pradesh ban kar ubhar raha hai.""

Fourth, and most importantly, you have brought about a fundamental change in the mindset of the nation. There is unprecedented hope and optimism among the people. Nobody in the world can question the fundamentals of Indian economy. They are robust. Now is the time for all our enterprises to step up on the accelerator. Because Udyog and Sahayog always must go hand in hand.""

Second, India has the world's largest POPULATION OF YOUTH. Our youth is brimming with entrepreneurial energy and passion. Their innovations and ideas will take the world by storm. Third, thanks to 3 your farsighted leadership, regional imbalances are fast disappearing. Uttar Pradesh is a shining example of this. The divide between Urban India and Rural Bharat is also closing.""

I am confident that India is on a very strong growth path. And there are four main reasons for my conviction: First, Indians are embracing technology at a rate unseen even in the developed world. For example, 2 as we speak, this year 2023, India is rolling out the fastest 5G network through the length and breadth of our country.""

Uttar Pradesh Global Investors' Summit vikaas ka ek maha kumbh hai. Yahaan doosri baar aana mere liye Saubhagya ki baat hai. Lucknow Punya Nagari hai.

Lakshman ki Nagari hai. Uttar Pradesh 1 Punya Bhoomi hai. Prabhu Ramachandra ji ki Bhoomi hai. Ganga-Yamuna-Saraswati ke Sangam ki Bhoomi hai.""

Shri Mukesh D. Ambani
Chairman and Managing Director, Reliance Industries Limited

Saturday, 11 February 2023

पृथ्वी के भीतरी भाग में एक रहस्यमयी परत की खोज

पृथ्वी के भीतरी भाग में एक रहस्यमयी परत की खोज।
भूकंप से भूकंपीय तरंगों के माध्यम से पृथ्वी के आंतरिक कोर में एक रहस्यमयी परत की खोज

पृथ्वी की तीन मुख्य परतें हैं: कोर के दो भाग: गहरा, गर्म ऊपरी कोर और पिघला हुआ बाहरी कोर।

मैटल आता है और थिप क्रस्ट का अनुसरण करता है, वह सतह जो जीवन का समर्थन करती है जैसा कि हम जानते हैं।

कम से कम हमने यही सोचा था, क्योंकि कुछ वैज्ञानिकों ने ठोस ऊपरी कोर के भीतर गहरी स्थित एक रहस्यमयी परत की खोज की थी।

पृथ्वी का ऊपरी कोर पिकेल और ठोस लोहे से बने मूप और मूपड के आकार का लगभग दो-तिहाई है।

यह बहुत गर्म है।
हमारे प्लेट के सिरे पर तापमान वही है जो सतह की सतह पर है।

बाहरी कोर कैप लगभग 10000 डिग्री फ़ारेनहाइट तक पहुँच जाता है।

इसे एक्सप्लोर करना मुश्किल है क्योंकि हम वहां नहीं जा सकते हैं और यह 3,200 मील की पिघली हुई धातु और चट्टानों की एक बहुत गंदी विधवा के माध्यम से देखने जैसा है।

लेकिन हम गर्म दबाव वाली चट्टानों, भूकंपीय तरंगों और कंप्यूटर मॉडल से सिग्नल के प्रयोगशाला प्रयोगों पर भरोसा कर सकते हैं।
जब भूकंप आता है, तो यह भूकंपीय शॉक वेव्स को रोकता है।

वे तरंगें एक अलग गति से परतों के माध्यम से यात्रा करती हैं, जिस दिशा में वे उस सामग्री की ओर जाती हैं जिससे वे चलती हैं।

पिछले अध्ययन में, वैज्ञानिकों की एक टीम ने 100 000 गहन भूकंपों का एक डेटा सेट निर्धारित किया।

उनमें से कुछ सतह से 60 मील नीचे रोए।

जब भूकंप हमारे ग्रह के सामने की तरफ होता है, तो वैज्ञानिक दूसरी तरफ इसकी लहरों को ट्रैक करते हैं।

लहरें जब दूसरी तरफ आती हैं तो बदलती हैं, इसलिए वैज्ञानिक इन तरंगों से होकर गुजरने वाले पदार्थों का विरोध करने की कोशिश करते हैं।

उन्होंने हमारी प्लेट के कोर में थोड़ी सी परत लगा दी जो भूकंप का कारण बनती है।

आम तौर पर सदमे की तरंगें भूमध्य रेखा के ऊपर यात्रा करती हैं, लेकिन नीचे की ओर वे पीछे हटती हैं और अलग-अलग दिशाओं में लगभग 60 डिग्री की ओर जाती हैं।


भूमध्य रेखा के ऊपर यात्रा करें, लेकिन नीचे नीचे वे पीछे हटते हैं और अलग-अलग दिशाओं में लगभग 60 डिग्री की ओर जाते हैं।

जब तरंगें पूर्व कोर गोइंग से दक्षिण की ओर गुजरती हैं, तो वे भूमध्य रेखा के समांतर कोर से होकर जाने वाली तरंगों की तुलना में अधिक तेज़ी से यात्रा करेंगी।

कोर को पीछे हटाना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक चुंबकीय क्षेत्र बनाता है, जो कि iп tυrп प्लेट को सौर तारों जैसे कणों से बचाता है जो कि sυп से आने वाले आवेशित कण होते हैं।

1960 के दशक में हमने पाया कि पृथ्वी हर 26 सेकंड में स्पंदित होती है।

यह घड़ी की कल की तरह है, एक विशाल दिल की धड़कन।

समूह थोड़ा अस्थिर है, लेकिन हम ज्यादातर इसे महसूस नहीं करते हैं।

शोधकर्ता अभी भी इसे ट्रैक करते हैं।

उनमें से कुछ का मानना है कि कोप्टिप्टल शेल्फ समुद्र के ऊपर एक बड़ी लहर ब्रेक के रूप में आता है।

उदाहरण के लिए, उत्तरी अमेरिका के तट का सबसे ऊंचा हिस्सा एक गहरे रसातल पठार पर गिर जाता है।

ओप सिद्धांत कहता है कि लहरें इस स्थान से टकराती हैं, नियमित दालें पैदा करती हैं।
यह ड्रमों के सभी बच्चों के होने जैसा है।

आपने उन्हें अपने हथकंडों से मारा और गलती से उस जगह को पटक दिया जो पूरी प्लेट पर खड़खड़ाने के लिए सही हार्मोनिक बैग पैदा करता है।

यदि यह सिद्धांत सत्य है, तो हम भाग्यशाली हैं।
हम वॉकिंग ओप को रीसायकल कर रहे हैं।

हमारे प्लेट का चट्टान चक्र एक प्रकार की चट्टानों को दूसरे प्रकार से घुमाता है।

यह एक ऐसा चक्र है जो अलग-अलग चलता रहता है। हमारी प्लेट की गहराई मैग्मा से भरी हुई है।

जैसा कि मैग्मा सतह से बाहर निकल रहा है, यह चट्टान के लिए कठोर है, ज्वालामुखीय गतिविधि, भूकंप, भूकंप, इमारत और अन्य सभी प्रक्रियाओं की तरह टेक्टोपिक प्रक्रियाएं जो सतह की सतह को आकार देती हैं जो उस चट्टान को पृथ्वी की सतह पर लाती हैं।

जब चट्टान सतह के ऊपर होती है, तो कटाव इसे आकार देता है और इसके टुकड़ों को काट देता है। वे छोटे-छोटे कण जमा हो जाते हैं।

ऊपर से आने वाला सभी दबाव कणों को अवसादी चट्टानों में संकुचित कर देता है, उदाहरण के लिए, सैडस्टोप।

तलछटी चट्टानें भी पृथ्वी की सतह की तुलना में अधिक गहरी और अधिक गहरी हो गई हैं।

अब बहुत अधिक गर्मी और दबाव है।

वे रूपान्तरित चट्टानों में पक जाते हैं।

वे फिर से सतह पर वापस जा सकते हैं या प्रत्येक दिन बीईएपीजी फिर से मिट जाता है।

कभी-कभी पपड़ी प्लेटें एक दूसरे के ऊपर स्थित होती हैं और इस तरह से चट्टानें फिर से मैग्मा के स्रोत में बदल जाती हैं।

हमने अब तक समुद्र के केवल पांच प्रतिशत हिस्से की खोज की है।

समुद्र और साथ ही समुद्र तल के नीचे का जीवन अभी भी एक रहस्य है।

समुद्र तल के नीचे 1.5 मील की गहराई में मौजूद विभिन्न सूक्ष्मजीवों के घर हैं।

प्रशांत के कुछ हिस्सों से दूर समुद्र तल के नीचे ज्वालामुखीय चट्टानों के नीचे गहरे छिपे हुए सूक्ष्म जीव हैं, जो 870 फीट तलछट में छिपे हुए हैं।

समुद्र तल के नीचे जीवमंडल सतह पर जीवन की तुलना में बहुत धीमी गति से बढ़ रहा है।

कोई फर्क नहीं पड़ता कि भूकंप कितना बड़ा है, हम कभी भी पृथ्वी के विपरीत दिशा में भूकंप महसूस कर सकते हैं, हालांकि कुछ लोगों का दावा है कि उन्होंने ऐसा किया था।

आईपी ​​2013 में 8.5 के मैग्पीट्यूड के साथ कर्ल द्वीप समूह के सामने खुला था।

यह लगभग 400 मील गहराई तक रोया।

यह बहुत स्ट्रॉग था।

ऑस्ट्रेलिया के लोगों ने बताया कि वे बड़े शकीग को महसूस कर सकते हैं।

सबसे तेज भूकंप 1960 में चिली में हुआ था, जिसकी तीव्रता 9.5 थी।

रूपांतर झोपड़ी देश के तट के साथ 311 मील से लगभग 620 मील तक फैला हुआ है।

10 या अधिक के परिमाण के साथ भूकंप नहीं होता है।

परिमाण उस स्थान पर निर्भर करता है जहां दोष होता है।

फॉल्ट जितना छोटा होगा, भूकंप उतना ही बड़ा होगा।

फॉल्ट प्लेट के क्रस्ट के एक हिस्से का टूटना है।

इसमें दोनों तरफ चट्टानें हैं और वे एक दूसरे के पीछे चलती हैं।

हमने 10 या उससे अधिक के परिमाण के साथ भूकम्प को नियंत्रित करने के लिए कोई त्रुटि लॉग नहीं खोजा है।

यदि ऐसा हुआ, तो यह हमारे अधिकांश प्लेट के चारों ओर फैल जाएगा।

12 के परिमाण के साथ एक भूकंप के लिए हमारे प्लेट से बड़े एक दोष की आवश्यकता होगी।

हमारे प्लेट का दूसरा भाग दूसरे से अधिक ठंडा हो रहा है।

पृथ्वी में एक प्रणाली है जो इसे ऊपर से गर्म रखती है: सतह के नीचे गहरा लाल-गर्म तरल।

यह एक ही समय में एक चुंबकीय क्षेत्र और गुरुत्वाकर्षण उत्पन्न करता है।

इस तरह, पृथ्वी का कोर वायुमंडल को ग्रह की सतह के करीब रखता है।

पृथ्वी भी सतह के ऊपर, ज्यादातर सतह से गर्मी को अवशोषित करती है।

गर्मी पृथ्वी के सभी भागों में समान रूप से नहीं फैलती है।

ग्रह के दूसरी ओर, प्रशांत गोलार्ध, दूसरे की तुलना में अधिक तेजी से गर्मी खो रहा है, अफ्रीका गोलार्ध

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लैड सतह से अधिक गर्मी को ट्रैप करता है।

समुद्र के ऊपर, समुद्र तल लैपड द्रव्यमान से अधिक पतला है।

इसके अलावा, पृथ्वी के ऊपर से आने वाली गर्मी के कारण तापमान कम हो रहा है क्योंकि इसके ऊपर ठंडे पानी की भारी मात्रा है।

बादल कपास के कुछ भुलक्कड़, दूर के टुकड़ों की तरह ही होते हैं।

वे एक मिलियन पाउंड से अधिक वजन करते हैं और हमारे ग्रह के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

यदि आप सारा पानी, बूंदों और बादलों को लेकर उन्हें सतह पर लाते हैं, तो आप प्लेट को एक तरल परत के साथ कवर कर सकते हैं जैसे कि एक हम्माप बाल।

यह बहुत अधिक नहीं लगता है, लेकिन यह पानी जलवायु के लिए महत्वपूर्ण रूप से महत्वपूर्ण है।

यदि यह बादलों के लिए नहीं होता तो हमारे पास गर्म तापमान होता

SSLV-D2/EOS-07 MISSION

SSLV-D2/EOS-07 MISSION
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शुक्रवार को अपनी नई पेशकश, लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) को लो अर्थ ऑर्बिट में दूसरे प्रदर्शन मिशन पर लॉन्च किया। इसे पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) के बोझ को उठाने और छोटे-सेटेलाइट-लॉन्च मार्केट को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है।
एसएसएलवी, इसरो द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया छठा लॉन्च वाहन, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 350 किलोग्राम से अधिक वजन वाले तीन पेलोड के साथ लो अर्थ ऑर्बिट के लिए 15 मिनट की उड़ान के लिए प्रक्षेपित किया गया। मिशन पर प्राथमिक पेलोड अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-07 (EOS-7) था। लॉन्च वाहन में राइडशेयर पेलोड जानूस-1 और आज़ादीसैट-2 भी था।

स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी), एसएसएलवी-डी2 की दूसरी विकासात्मक उड़ान 10 फरवरी, 2023 को 09:18 घंटे IST पर एसडीएससी शार, श्रीहरिकोटा के पहले लॉन्च पैड से सफलतापूर्वक लॉन्च की गई। SSLV-D2 का उद्देश्य अपनी 15 मिनट की उड़ान में EOS-07, Janus-1 और AzaadiSAT-2 उपग्रहों को 450 किमी की गोलाकार कक्षा में इंजेक्ट करना है
एसएसएलवी 'लॉन्च-ऑन-डिमांड' के आधार पर पृथ्वी की निम्न कक्षाओं में 500 किग्रा तक के उपग्रहों के प्रक्षेपण को पूरा करता है। यह अंतरिक्ष के लिए कम लागत वाली पहुंच प्रदान करता है, कम टर्न-अराउंड समय और कई उपग्रहों को समायोजित करने में लचीलापन प्रदान करता है, और न्यूनतम लॉन्च इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग करता है। इसे तीन ठोस प्रणोदन चरणों और एक वेग टर्मिनल मॉड्यूल के साथ कॉन्फ़िगर किया गया है। यह एक 34 मीटर लंबा, 2 मीटर व्यास वाला वाहन है जिसका उत्थापन भार 120 टन है।
ईओएस-07 156.3 किलोग्राम वजनी उपग्रह है जिसे इसरो द्वारा डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है। नए प्रयोगों में एमएम-वेव ह्यूमिडिटी साउंडर और स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग पेलोड शामिल हैं। जानूस-1, 10.2 किलोग्राम का उपग्रह अमेरिका के एंटारिस का है। 8.7 किलोग्राम का एक उपग्रह आज़ादीसैट-2 स्पेस किड्ज़ इंडिया, चेन्नई द्वारा निर्देशित भारत भर की लगभग 750 छात्राओं का संयुक्त प्रयास है।.
मिशन के उद्देश्य
एलईओ में एसएसएलवी की डिजाइन की गई पेलोड क्षमता का प्रदर्शन
EOS-07 उपग्रह और दो यात्री उपग्रहों Janus-1 और AzaadiSAT-2 को 450 किमी की गोलाकार कक्षा में स्थापित करना।
SSLV-D2 वाहन विशेषताएँ
वाहन की ऊँचाई 34 मी
वाहन दीया 2 मी
लिफ्ट ऑफ मास ~119 टी
वाहन विन्यास SS1 + SS2 + SS3 + VTM
एसएसएलवी-डी2 मिशन विनिर्देश
पैरामीटर
विशेष विवरण
ऊंचाई (किमी) 450
झुकाव (डिग्री) 37.2
लॉन्च पैड एफएलपी
दिगंश (डिग्री) 135 लॉन्च करें
SSLV-D2 चरणों पर एक नज़र
स्टेज 1 (एसएस1)

Friday, 10 February 2023

नक्षत्रों के नाम

नक्षत्र और उनका जातक के स्वभाव पर प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों का विवरण दिया गया है। पौराणिक कथाओं में इन्हें दक्ष प्रजापति की पुत्रियाँ बताया गया है। नक्षत्र और राशि के अनुसार, मनुष्य का स्वभाव, गुण-धर्म, जीवन शैली जन्म नक्षत्र से जुड़ी हुई होती है। ये सत्य है कि जिस नक्षत्र में मनुष्य जन्म लेता है वह नक्षत्र उसके स्वभाव और आने वाले जीवन पर अपना प्रभाव अवश्य डालता है। ये सभी नक्षत्र जितने महत्वपूर्ण हैं उतने ही व्यक्तिगत जीवन पर भी प्रभाव डालते हैं। भारतीय वैदिक ज्योतिष की गणनाओं में महत्वपूर्ण माने जाने वाले 27 नक्षत्रों का विवरण दिया गया है।

प्राचीन काल में ज्योतिष शास्त्र के विद्वानों ने राशियों को सरलता से समझने के लिए 12 भागों में बाँट दिया था और आकाश को 27 नक्षत्रों में। इन नक्षत्रों की गणना ज्योतिष में महत्वपूर्ण योगदान के लिए की जाती है। वैदिक ज्योतिष में एक नक्षत्र को एक सितारे के समान समझा जाता है। सभी नक्षत्रों को 4 पदों में या 3 डिग्री और 20 मिनट के अन्तराल में बांटा गया है। आकाश मंडल के नौ ग्रहों को 27 नक्षत्रों का अर्थात हर ग्रह को तीन नक्षत्रों का स्वामि‍त्व प्राप्त है। इस प्रकार प्रत्येक राशि में 9 पद हैं। 
चंद्रमा का नक्षत्रों से मिलन 'नक्षत्र योग' और ज्योतिष को 'नक्षत्र विद्या' कहा जाता है। भारतीय वैदिक ज्योतिष में नक्षत्र के सिद्धांत का वर्णन है। नक्षत्र के सिद्धांत अन्य प्रचलित ज्योतिष पद्धतियों से अधिक दावेदार और अचूक हैं।

चन्द्रमा 27.3 दिन में पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करता है। एक मासिक चक्र में चन्द्रमा जिस भी मुख्य सितारों के समूहों के मध्य से गोचर करता है, उस संयोग को नक्षत्र कहा जाता है। चन्द्रमा द्वारा पृथ्वी की एक परिक्रमा में 27 विभिन्न तारा-समूह बनते हैं और इन्हीं तारों के विभाजित समूह को नक्षत्र या तारामंडल कहा जाता है। प्रत्येक नक्षत्र एक विशेष तारामंडल या तारों के एक समूह का प्रतिनिधि होता है।

0 डिग्री से लेकर 360 डिग्री तक सारे नक्षत्रों का नामकरण किस प्रकार किया गया है। 27 नक्षत्रों की विशेषताएं और उनका जातकों के गुण एवं स्वभाव पर क्या प्रभाव पड़ता है? आज हम इस बारे में आपको बताएंगे।

1- अश्विनी नक्षत्र 
ज्योतिष शास्त्र में सबसे प्रमुख और सबसे प्रथम अश्विनी नक्षत्र को माना गया है। अश्विनी नक्षत्र में जन्मे जातक सामान्यतः सुन्दर, चतुर, सौभाग्यशाली एवं स्वतंत्र विचारों वाले और आधुनिक सोच के लिए मित्रों में प्रसिद्ध होते हैं। इस नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति बहुत ऊर्जावान होने के साथ-साथ सदा सक्रिय रहता है। इनकी महत्वाकांक्षाएं इन्हें संतुष्ट नहीं होने देतीं। ये लोग सभी से बहुत प्रेम करने वाले, हस्तक्षेप न पसंद करने वाले, रहस्यमयी प्रवृत्ति के होते हैं। ये लोग अच्छे जीवनसाथी और एक आदर्श मित्र साबित होते हैं।

2- भरणी नक्षत्र 
इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है, जिस कारण इस नक्षत्र में जन्मे लोग एक दृढ़ निश्चयी, चतुर, सदा सत्य बोलने वाले, आराम पसंद और आलीशान जीवन जीने वाले होते हैं। ये लोग काफी आकर्षक और सुंदर होते हैं, इनका स्वभाव लोगों को आकर्षित करता है। इनके अनेक मित्र होंगे और मित्रों में बहुत अधिक लोकप्रिय भी होते हैं। इनके जीवन में प्रेम सर्वोपरी होता है और जो भी ये ठान लेते हैं उसे पूरा करने के बाद ही चैन से बैठते हैं। इनकी सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान हमेशा बना रहता है।

3- कृतिका नक्षत्र 
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर सूर्य का प्रभाव रहता है, जिस कारण से ये लोग आत्म गौरव करने वाले होते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे जातक सुन्दर और मनमोहक छवि वाला होता है। वह केवल सुन्दर ही नहीं अपितु गुणी भी होते हैं। ना तो पहली नजर में प्यार जैसी चीज पर भरोसा करते हैं और ना ही किसी पर बहुत जल्दी विश्वास करते हैं। इन लोगों का व्यक्तित्व राजा के समान ओजपूर्ण एवं पराक्रमी होता है। ये तेजस्वी एवं तीक्ष्ण बुद्धि के स्वामी, स्वाभिमानी, तुनक मिजाजी और बहुत उत्साहित रहने वाले होते हैं। ये लोग जिस भी काम को अपने हाथ में लेते हैं उसे पूरी लगन और मेहनत के साथ पूरा करते हैं।

4- रोहिणी नक्षत्र 
रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा होता है और चंद्रमा के प्रभाव के कारण ये लोग बहुत कल्पनाशील और मनचले स्वभाव के होते हैं। ये लोग काफी चंचल स्वभाव के होते हैं और स्थायित्व इन्हें रास नहीं आता। इन लोगों की सबसे बड़ी कमी यह होती है कि ये कभी एक ही मुद्दे या राय पर कायम नहीं रहते। ये व्यक्ति सदा दूसरों में गलतियां ढूँढते रहते हैं। सामने वाले की त्रुटियों की चर्चा करना इनका शौक होता है। ये लोग स्वभाव से बहुत मिलनसार तो होते ही हैं लेकिन साथ-साथ जीवन की सभी सुख-सुविधाओं को पाने का प्रयास भी करते रहते हैं। विपरीत लिंग के लोगों के प्रति इनके अन्दर विशेष आकर्षण देखा जा सकता है। ये शारीरिक रूप से कमज़ोर होते हैं इसलिए कोई भी छोटे से छोटे वातावरण बदलाव के रोग भी आपको अक्सर जकड़ लेते हैं।

5- मृगशिरा नक्षत्र 
इस नक्षत्र के जातकों पर मंगल का प्रभाव होने के कारण ये लोग स्वभाव से बहुत साहसी, दृढ़ निश्चय चतुर एवं चंचल स्वभाव के अध्ययन में अधिक रूचि, माता पिता के आज्ञाकारी और सदैव साफ़ सुथरे आकर्षक वस्त्र पहनने वाले होते हैं। ये लोग स्थायी जीवन जीने में विश्वास रखते हैं और हर काम पूरी मेहनत के साथ पूरा करते हैं। इनका व्यक्तित्व बहुत आकर्षक होता है और ये हमेशा सचेत रहते हैं। यदि कोई व्यक्ति इनके साथ धोखा करता है तो ये किसी भी कीमत पर उसे सबक सिखाकर ही मानते हैं। बुद्धिमान होने के साथ-साथ मानसिक रूप से मजबूत होते हैं। इनको संगीत पसंद होता है और सांसारिक सुखों का उपभोग करने वाले होते हैं।

6- आर्द्रा नक्षत्र 
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों पर आजीवन बुध और राहु ग्रह का प्रभाव रहता है। राहु का प्रभाव इन्हें राजनीति की ओर लेकर जाता है और इनके प्रति दूसरों में आकर्षण विकसित करता है। अध्ययन में रूचि अधिक और किताबों से विशेष लगाव आपकी पहचान होगी। सदैव ही अपने आस-पास की घटनाओं के बारे में जागरूक और व्यापार करने की समझ इनकी महान विशेषता है। ये लोग दूसरों का दिमाग पढ़ लेते हैं इसलिए इन्हें बहुत सरलता से बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। दूसरों से काम निकलवाने में कलाकार होते हैं इस नक्षत्र में जन्मे लोग अपने निजी स्वार्थ को पूरा करने के लिए नैतिकता को भी छोड़ देते हैं।

7- पुनर्वसु नक्षत्र 
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के भीतर दैवीय शक्तियां होती हैं। पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति बेहद मिलन सार, दूसरों से प्रेमपूर्वक व्यवहार रखने वाले होते हैं। इनका शरीर काफी भारी और याद्दाश्त बहुत मजबूत होती है। ये लोग काफी मिलनसार और प्रेम भावना से ओत-प्रोत होते हैं। आप कह सकते हैं कि जब भी इन पर कोई विपत्ति आती है तो कोई अदृश्य शक्ति इनकी सहायता करने अवश्य आती है। ये लोग काफी धनी भी होते हैं। आपके गुप्त शत्रुओं की संख्या अधिक होती है।

8- पुष्य नक्षत्र 
ज्योतिषशास्त्र के अंतर्गत शनिदेव के प्रभाव वाले पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ माना गया है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग दूसरों की भलाई के लिए सदैव तैयार रहते हैं और इनके भीतर सेवा भावना भी बहुत प्रबल होती है। इन्हें नित नए काम करने की प्रवृत्ति होती है और नए काम की खोज, परिवर्तन और अधिक परिश्रम इनकी विशेषता है। ये बहुत परिश्रमी होते हैं और अपनी मेहनत के बल पर धीरे-धीरे ही सही तरक्की हासिल कर ही लेते हैं। ये लोग कम उम्र में ही कई कठिनाइयों का सामना कर लेते हैं इसलिए ये जल्दी परिपक्व भी हो जाते हैं। चंचल मन वाले ये लोग विपरीत लिंग के प्रति विशेष आकर्षण भी रखते हैं। इन्हें संयमित और व्यवस्थित जीवन जीना पसंद होता है।

9- अश्लेषा नक्षत्र 
यह नक्षत्र विषैला होता है और इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के भीतर भी विष की थोड़ी बहुत मात्रा पाई जाती है। स्वामी चन्द्रमा के होने के कारण ऐसे जातक उच्च श्रेणी के डॉक्टर, वैज्ञानिक या अनुसंधानकर्ता भी होते हैं। अश्लेषा नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों का प्राकृतिक गुण सांसारिक उन्नति में प्रयत्नशीलता, लज्जा व सौदर्योपासना है। इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति की आँखों एवं वचनों में विशेष आकर्षण होता है। ये लोग कुशल व्यवसायी साबित होते हैं और दूसरों का मन पढ़कर उनसे अपना काम निकलवा सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों को अपने भाइयों का पूरा सहयोग मिलता है। चन्द्रमा के औषधिपति होने के कारण इस नक्षत्र में जन्मे जातक बहुत चतुर बुद्धि के होते हैं।

10- मघा नक्षत्र  
इस नक्षत्र को गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी में रखा गया है। सूर्य के स्वामित्व के कारण ये लोग काफी ज्यादा प्रभावी बन जाते हैं। इनके भीतर ईश्वरीय आस्था बहुत अधिक होती है। इनके भीतर स्वाभिमान की भावना प्रबल होती है और बहुत ही जल्दी इनका दबदबा भी कायम हो जाता है। ये कर्मठ होते हैं और किसी भी काम को जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करते हैं। ये ठिगने कद के साथ सुदृढ वक्षस्थल, मजबूत जंघा, वाणी थोड़ी कर्कश एवं थोड़ी मोटी गर्दन के होते हैं। इनकी आँखें विशेष चमक लिए हुए, चेहरा शेर के समान भरा हुआ एवं रौबीला होता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति प्रायः अपने पौरुष और पुरुषार्थ के प्रदर्शन के लिए सदा ललायित रहते हैं।


11- पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र 
यदि आपका जन्म पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ है तो आप ऐसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं जो समाज में सम्माननीय हैं और जिनका अनुसरण हर कोई करना चाहता है। परिवार में भी आप एक मुखिया की भूमिका में रहते हैं। ऐसे लोगों को संगीत और कला की विशेष समझ होती है जो बचपन से ही दिखाई देने लगती है। ये लोग नैतिकता और ईमानदारी के रास्ते पर चलकर ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं। शांति पसंद होने की वजह से किसी भी तरह के विवाद या लड़ाई-झगड़े में पड़ना पसंद नहीं करते। इनके पास धन की मात्रा अच्छी खासी होती है जिसकी वजह से ये भौतिक सुखों का आनंद उठाते हैं। ये लोग अहंकारी प्रवृत्ति के होते हैं।

12- उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र 
इस नक्षत्र में जन्मा जातक दूसरों के इशारों पर चलना पसंद नहीं करते और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भरपूर प्रयास करते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे लोग समझदार, बुद्धिमान, युद्ध विद्या में निपुण, लड़ाकू एवं साहसी होते हैं। आप देश और समाज में अपने रौबीले व्यक्तित्व के कारण पहचाने जाते हैं। ये दूसरों का अनुसरण नहीं करते अपितु लोग उनका अनुसरण करते हैं। आप में नेतृत्व के गुण जन्म से ही होते हैं अतः आप अपना कार्य करने में खुद ही सक्षम होते हैं। सरकारी क्षेत्र में इनको सफ़लत मिलती है। ये लोग एक काम को करने में काफी समय लगा देते हैं। अपने हर संबंध को ये लोग लंबे समय तक निभाते हैं।

13- हस्त नक्षत्र 
यदि आपका जन्म हस्त नक्षत्र में हुआ है तो आप संसार को जीतने और उस पर शासन करने का पूरा पूरा सामर्थ्य एवं शक्ति रखते है। ये लोग बौद्धिक, मददगार, निर्णय लेने में अक्षम, कुशल व्यवसायिक गुणों वाले और दूसरों से अपना काम निकालने में गुरु माने जाते हैं। इन्हें हर प्रकार की सुख-सुविधाएं मिलती हैं और इनका जीवन आनंद में व्यतीत होता है। दृढ़ता और विचारों की स्थिरता इनको आम आदमी से भिन्नता और श्रेष्ठता प्रदान करती है। ये लोग अपने ज्ञान और समृद्धि के कारण जाने जाते हैं

14- चित्रा नक्षत्र 
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के स्वभाव में आपको मंगल ग्रह का प्रभाव दिखाई दे सकता है। ये लोग आकर्षक व्यक्तित्व वाले एवं शारीरिक रूप से संतुलित मनमोहक एवं सुन्दर आँखों वाले, साज-सज्जा को पसंद करने वाले और नित नए आभूषण एवं वस्त्र खरीदने वाले होते हैं। हर किसी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने का प्रयास करते हैं, इन्हें आप सामाजिक हितों के लिए कार्य करते हुए भी देख सकते हैं। ये लोग विपरीत परिस्थिति से बिल्कुल नहीं घबराते और खुलकर कष्टों का सामना करते हैं। परिश्रम और हिम्मत ही इनका बल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में अपने प्रतिद्वंद्वियों k

लोकसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की जमकर आलोचना करने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर हमले तेज कर दिए।
वह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग ले रहे थे।

विपक्षी दलों ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान अडानी के अभूतपूर्व उत्थान के लिए मोदी और सरकार पर हमला करने के लिए प्रस्ताव पर बहस का इस्तेमाल किया। अपने जवाब में, मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया और अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया - रसोई गैस प्राप्त करने के लिए प्रतीक्षा को समाप्त करने से लेकर सभी के लिए बैंक खाते खोलने और बिजली कनेक्शन प्रदान करने तक।

पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके कृत्यों से भाजपा को और फलने-फूलने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, "मैं इन सांसदों से कहना चाहता हूं कि आप जितना 'कीचड़' फेंकेंगे, उतना ही अच्छा कमल खिलेगा। इसलिए कमल को खिलाने में आप सभी की समान भूमिका है और इसके लिए मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं।"

कांग्रेस पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब उन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभाला था, तो उन्होंने देखा कि कांग्रेस ने भारत के समग्र विकास के लिए हर जगह समस्याएं और मुद्दे पैदा किए हैं।

2014 तक आधी से ज्यादा आबादी बिना बैंकिंग सुविधाओं के थी, अब पिछले 9 साल में 48 करोड़ खाते खुले हमारी सरकार ने पिछले 3-4 वर्षों में 11 करोड़ घरों में पीने योग्य पानी की आपूर्ति की है, जो 2014 से पहले केवल 3 करोड़ थी।
लोकसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की जमकर आलोचना करने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर हमले तेज कर दिए.

वह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग ले रहे थे।
विपक्षी दलों ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान अडानी के अभूतपूर्व उत्थान के लिए मोदी और सरकार पर हमला करने के लिए प्रस्ताव पर बहस का इस्तेमाल किया। अपने जवाब में, मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया और अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया - रसोई गैस प्राप्त करने के लिए प्रतीक्षा को समाप्त करने से लेकर सभी के लिए बैंक खाते खोलने और बिजली कनेक्शन प्रदान करने तक।

यहां पीएम मोदी के संबोधन के प्रमुख बिंदु हैं:
'कीचड़ में कमल खिलेगा'

पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके कृत्यों से भाजपा को और फलने-फूलने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, "मैं इन सांसदों से कहना चाहता हूं कि आप जितना 'कीचड़' फेंकेंगे, उतना ही अच्छा कमल खिलेगा। इसलिए कमल को खिलाने में आप सभी की समान भूमिका है और इसके लिए मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं।"

कांग्रेस पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब उन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभाला था, तो उन्होंने देखा कि कांग्रेस ने भारत के समग्र विकास के लिए हर जगह समस्याएं और मुद्दे पैदा किए हैं।

"आधी से अधिक आबादी 2014 तक बैंकिंग सुविधाओं के बिना थी, अब पिछले 9 वर्षों में 48 करोड़ खाते खोले गए हैं। हमारी सरकार ने पिछले 3-4 वर्षों में 11 करोड़ घरों में पीने योग्य पानी की आपूर्ति की है, जो 2014 से पहले केवल 3 करोड़ थी।" उन्होंने कहा।
केवल टोकनवाद में लगी कांग्रेस

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सबसे पुरानी पार्टी ने कभी भी देश के सामने मौजूद समस्याओं का स्थायी समाधान खोजने की कोशिश नहीं की।

2014 तक आधी से ज्यादा आबादी बिना बैंकिंग सुविधाओं के थी, अब पिछले 9 साल में 48 करोड़ खाते खुले हमारी सरकार ने पिछले 3-4 वर्षों में 11 करोड़ घरों में पीने योग्य पानी की आपूर्ति की है, जो 2014 से पहले केवल 3 करोड़ थी।

"कांग्रेस 'गरीबी हटाओ' कहती थी, लेकिन चार दशकों से अधिक समय तक कुछ नहीं किया। जबकि हम देश के लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। कांग्रेस ने विकास में बाधाएँ खड़ी कीं, भारत ने छह दशक खो दिए, जबकि छोटे देशों ने प्रगति की।" उसने जोड़ा।
"हम प्रतीकात्मकता में विश्वास नहीं करते हैं, हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश को आगे ले जाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। देश हमारे साथ है, लोगों ने कांग्रेस पार्टी को खारिज कर दिया है और समय-समय पर उन्हें दंडित किया है। हालांकि, कांग्रेस और उसके सहयोगी विफल रहे उनकी इन विफलताओं से सीखें," उन्होंने कहा।

विपक्ष पर जमकर बरसे मोदी
प्रधानमंत्री ने संसद में नारेबाजी करने वाले विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि कुछ सांसदों का व्यवहार निराशाजनक रहा है.
उन्होंने कहा, "देश ध्यान से सुनता है कि इस सदन में क्या कहा जाता है। कुछ सांसद इस सदन को बदनाम कर रहे हैं।"
पीएम मोदी के राज्यसभा में बोलते ही विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में "मोदी-अडानी भाई-भाई" के नारे लगाए।

Winners

विज्ञान कहता है कि एक वयस्क स्वस्थ पुरुष एक बार संभोग के बाद जो वीर्य स्खलित करता है, उसमें 400 मिलियन शुक्राणु होते हैं...... ये 40 करोड़ श...