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Mukesh Tiwari / Jagira / China Gate

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If you have seen the film 'China Gate', then you must remember the dreaded villain Jagira of that film. The audience used to shudder on seeing Jagira on screen. This character was played by actor Mukesh Tiwari. There are very few actors who leave their mark in a side role in their first film itself. And Mukesh Tiwari has been one of those actors. Mukesh Tiwari made his acting debut with 'China Gate' and became famous for the character of Jagira played in it. Later, Mukesh Tiwari gained a lot of popularity by becoming 'Vasuli Bhai'. The character of Vasuli Bhai played by him in Rohit Shetty's 'Golmaal' made Mukesh Tiwari famous in every household. But Mukesh Tiwari never had so much money that he could come to Mumbai to become an actor. Today, he is not only earning a lot of name and money, but is also bearing the expenses of education of needy children. Born in an ordinary family, Mukesh Tiwari was a cricketer Mukesh Tiwari wa...

हलधर नाग

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साहब मेरे पास दिल्ली जाने के लिए पैसे नहीं है कृपया पुरस्कार डाक से भेज दीजिये'| ''यह शब्द है पद्यमश्री पुरस्कार विजेता हलधर नाग के |  हलधर नाग के पास 3 जोड़ी कपड़े एक टूटी हुई रबर की चपल एक रिमलेश चश्मा और 732 रूपये की जमा राशि ,उन्हें पधमश्री से सम्मानित किया गया | हलधर नाग का जन्म 31 मार्च 19 50 में उड़ीसा के बाड़ गर जिले में हुआ था वे बहुत ही गरीब परिवार से थे तीसरी कक्षा में जब वे पढ़ रहे थे तो उनके पिता जी का देहांत हो गया ,पढ़ाई छोड़कर हलधर नाग होटल में बर्तन धोने का काम करने लगे दो साल के बाद एक सज्जन व्यक्ति उन्हें स्कूल में खाना बनाने का काम दिए 16 साल तक इस काम को करने के बाद उन्होंने एक बैंकर से मिलकर 1000 रूपये बैंक से लोन लिए और स्कूल के पास स्टेनरी का दुकान खोल दिए उसी से उनका गुजरा चलता रहा इस दौरान वे कुछ न कुछ लिखते रहते थे ,उन्होंने अपने लिखने का शौक को मरने नहीं दिया ये बात थी उनकी माली हालत की | 1990 में उन्होंने अपनी पहली कविता कोसली भाषा में धोरो बरगज एक स्थानीय पत्रिका में छापने को दिए इसके साथ चार और कविताऐं दिए सभी कविताये छपी भी औ...

Determination of Focal Length of Concave Mirror and Convex Lens

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Determination of Focal Length of Concave Mirror and Convex Lens Before getting started with the experiment, it is important to understand a few terms that are used in a concave mirror and convex lens: Centre of curvature: For a curved mirror, the centre of curvature, C can be defined as the centre of a hollow glass sphere of which a curved mirror is a part. Radius of curvature: For a curved mirror, the radius of curvature, R can be defined as the radius of the hollow glass sphere of a spherical mirror is part. Principal axis: Principal axis is defined as the imaginary line passing through the pole and centre of curvature of the spherical mirror. Principal focus: Principal focus is defined as a point at which the reflected rays meet or appear to meet for the spherical mirror.  For a concave mirror, the principal focus is in the front and  For a convex mirror, the principal focus is at the behind. Below is an experiment to determine the focal length of a concave m...

Tracing Path of a Ray of Light Passing Through a Glass Slab

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Tracing Path of a Ray of Light Passing Through a Glass Slab Refraction is the property of light due to which it bends its path while travelling from one medium to another. The law of refraction is also known as Snell’s law which states that the ratio of the sine of the angle of incidence to the sine of the angle of refraction is equal to constant. Below is an experiment to trace the path of a light ray passing through the rectangular glass slab. Table of Contents: Aim Theory Materials Required Procedure7 Ruay Diagram Observation Table Conclusion Precautions Sources of Error Viva Questions Aim To trace the path of a ray of light passing through a rectangular glass slab for different angles of incidence. Measure the angle of incidence, angle of refraction, and angle of emergence, and interpret the result. Theory What are the laws of refraction ? Following are the laws of refraction: (I) The incident ray, the normal at the point of incidence, and the refracted ray lie in the s...

Experiment to Verify Ohm's Law)

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Experiment to Verify Ohm's Law)      CHAPTER - 12  'ELECTRICITY'   (Experiment to Verify Ohm's Law)  ************************************ Dependence of Potential Difference Across a Resistor on the Current  Passing through it and determine its resistance.  Studying the dependence of potential difference (V) across a resistor on the current (I) passing through it and determine its resistance. Also plotting a graph between V and I Potential difference is defined as the work done to move a unit charge from one point to the other. The SI unit of potential difference is volt. Electromotive force is defined as the electric potential produced by either an electrochemical cell or by changing the magnetic field. Below is an experiment to study the dependence of the potential difference across a resistor with current-carrying I. Table of Contents: * Aim * Theory * Materials Required * Circuit Diagram * Procedure * Observation Table *...

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।

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किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए। जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥ जब गिरते हुए मैंने तेरे नाम लिया है। तो गिरने ना दिया तूने, मुझे थाम लिया है॥ तुम अपने भक्तो पे कृपा करती हो, श्री राधे। उनको अपने चरणों में जगह देती हो श्री राधे। तुम्हारे चरणों में मेरा मुकाम हो जाए॥ मांगने वाले खाली ना लौटे, कितनी मिली खैरात ना पूछो। उनकी कृपा तो उनकी कृपा है, उनकी कृपा की बात ना पूछो॥ ब्रज की रज में लोट कर, यमुना जल कर पान। श्री राधा राधा रटते, या तन सों निकले प्राण॥ गर तुम ना करोगी तो कृपा कौन करेगा। गर तुम ना सुनोगी तो मेरी कौन सुनेगा॥ डोलत फिरत मुख बोलत मैं राधे राधे, और जग जालन के ख्यालन से हट रे। जागत, सोवत, पग जोवत में राधे राधे, रट राधे राधे त्याग उरते कपट रे॥ किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए। जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥ जब गिरते हुए मैंने तेरे नाम लिया है। तो गिरने ना दिया तूने, मुझे थाम लिया है॥ तुम अपने भक्तो पे कृपा करती हो, श्री राधे। उनको अपने चरणों में जगह देती हो श्री राधे। तुम्हारे चरणों में मेरा मुकाम हो जाए॥ मांगने वाले खाली ना लौटे, कित...

पत्नी

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"रामलाल तुम अपनी बीबी से इतना क्यों डरते हो? "मैने अपने नौकर से पुछा।। "मै डरता नही साहब उसकी कद्र करता हूँ  उसका सम्मान करता हूँ।"उसने जबाव दिया। मैं हंसा और बोला-" ऐसा क्या है उसमें। ना सुरत ना पढी लिखी।" जबाव मिला-" कोई फरक नही पडता साहब कि वो कैसी है  पर मुझे सबसे प्यारा रिश्ता उसी का लगता है।" "जोरू का गुलाम।"मेरे मुँह से निकला।" और सारे रिश्ते कोई मायने नही रखते तेरे लिये।"मैने पुछा। उसने बहुत इत्मिनान से जबाव दिया- "साहब जी माँ बाप रिश्तेदार नही होते। वो भगवान होते हैं।उनसे रिश्ता नही निभाते उनकी पूजा करते हैं। भाई बहन के रिश्ते जन्मजात होते हैं ,  दोस्ती का रिश्ता भी मतलब का ही होता है। आपका मेरा रिश्ता भी जरूरत और पैसे का है पर, पत्नी बिना किसी करीबी रिश्ते के होते हुए भी हमेशा के लिये हमारी हो जाती है अपने सारे रिश्ते को पीछे छोडकर। और हमारे हर सुख दुख की सहभागी बन जाती है आखिरी साँसो तक।" मै अचरज से उसकी बातें सुन रहा था। वह आगे बोला-"साहब जी, पत्नी अकेला रिश्ता नही है, बल्कि वो पुरा रिश्त...