Saturday, 25 March 2023

KOTHARI BROTHERS

Kothari brothers hoisted saffron on Babri, died in firing after 3 days
About 30,000 UP PAC personnel were deployed around the disputed site and in Ayodhya city. On this day, brothers named Sharad (20 years) and Ramkumar Kothari (23 years) hoisted the saffron flag on the dome of Babri Masjid.
It's been 29 years since the Ayodhya shootout, 5 people were killed on the first day of Karseva.

From 21 to 30 October 1990, lakhs of kar sevaks had gathered in Ayodhya. Everyone was preparing to go towards the disputed site. There was heavy security around the disputed site. Amidst the curfew in Ayodhya, at around 10 am, kar sevaks started moving towards the Babri Masjid from all four directions. Leaders like Ashok Singhal, Uma Bharti, Vinay Katiyar were leading them. About 30,000 UP PAC personnel were deployed around the disputed site and in Ayodhya city. On this day, brothers named Sharad (20 years) and Ramkumar Kothari (23 years) hoisted the saffron flag on the dome of Babri Masjid.

Kar sevaks had reached the disputed site by breaking the barricading by bus
Sadhus-saints and kar sevaks overpowered the bus of the security forces at 11 o'clock in which the police had kept the kar sevaks in custody to drop them outside the city. These buses were parked near the Hanuman Garhi temple. Meanwhile, a monk pushed the bus driver down. After that he himself sat on the steering wheel of the bus. Breaking the barricades, the bus moved rapidly towards the disputed premises. When the way opened due to breaking of barricading, more than 5000 kar sevaks reached the disputed site.

Had to fire bullets to handle the situation
Mulayam Singh Yadav was the Chief Minister of UP at that time. His clear instructions were that no harm should be done to the mosque. The police were earlier given clear instructions to use only tear gas shells to disperse the people. But, after the barricading was broken, the kar sevaks climbed the dome of the disputed structure. There, the Kothari brothers hoisted the saffron flag. After this the police fired on the kar sevaks. According to government figures, 5 kar sevaks lost their lives in the firing that took place in Ayodhya on 30 October 1990. CRPF jawans beat up both the Kothari brothers and chased them away.

कोठारी बंधुओं ने फहराया था बाबरी पर भगवा, 3 दिन बाद फायरिंग में गई थी जान
विवादित स्थल के चारों तरफ और अयोध्या शहर में यूपी पीएसी के करीब 30 हजार जवान तैनात किए गए थे. इसी दिन बाबरी मस्जिद के गुंबद पर शरद (20 साल) और रामकुमार कोठारी (23 साल) नाम के भाइयों ने भगवा झंडा फहराया.

29 साल हो चुके हैं अयोध्या गोलीकांड को
कारसेवा के पहले दिन मारे गए थे 5 लोग
21 से 30 अक्टूबर 1990 तक अयोध्या में लाखों की संख्या में कारसेवक जुट चुके थे. सब विवादित स्थल की ओर जाने की तैयारी में थे. विवादित स्थल के चारों तरफ भारी सुरक्षा थी. अयोध्या में लगे कर्फ्यू के बीच सुबह करीब 10 बजे चारों दिशाओं से बाबरी मस्जिद की ओर कारसेवक बढ़ने लगे. इनका नेतृत्व कर रहे थे अशोक सिंघल, उमा भारती, विनय कटियार जैसे नेता. विवादित स्थल के चारों तरफ और अयोध्या शहर में यूपी पीएसी के करीब 30 हजार जवान तैनात किए गए थे. इसी दिन बाबरी मस्जिद के गुंबद पर शरद (20 साल) और रामकुमार कोठारी (23 साल) नाम के भाइयों ने भगवा झंडा फहराया.

बस से बैरिकेडिंग तोड़कर विवादित स्थल तक पहुंचे थे कारसेवक
साधु-संतों और कारसेवकों ने 11 बजे सुरक्षाबलों की उस बस को काबू कर लिया जिसमें पुलिस ने कारसेवकों को हिरासत में लेकर शहर के बाहर छोड़ने के लिए रखा था. इन बसों को हनुमान गढ़ी मंदिर के पास खड़ा किया गया था. इसी बीच, एक साधु ने बस ड्राइवर को धक्का देकर नीचे गिरा दिया. इसके बाद वो खुद ही बस की स्टीयरिंग पर बैठ गया. बैरिकेडिंग तोड़ते हुए बस विवादित परिसर की ओर तेजी से बढ़ी. बैरिकेडिंग टूटने से रास्ता खुला तो 5000 हजार से ज्यादा कारसेवक विवादित स्थल तक पहुंच गए।

हालात को संभालने के लिए चलानी पड़ीं गोलियां
मुलायम सिंह यादव उस वक्त यूपी के मुख्यमंत्री थे, उनका साफ निर्देश था कि मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. पुलिस को पहले स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि लोगों को तितर-बितर करने के लिए केवल आंसू गैस के गोले छोड़े जाएं. लेकिन, बैरिकेडिंग टूटने के बाद कारसेवक विवादित ढांचे के गुंबद पर चढ़ गए. वहां, कोठारी बंधुओं ने भगवा झंडा फहरा दिया. इसके बाद पुलिस ने कारसेवकों पर फायरिंग की. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में हुई फायरिंग में 5 कारसेवकों की जान चली गई. सीआरपीएफ के जवानों ने दोनों कोठारी भाइयों को पीटकर खदेड़ दिया.

Thursday, 16 March 2023

Parsees in India is decreasing

For stable population growth, a fertility rate of 2.1 is required. That means, every couple should have 2 children. So, 2 people will give birth to two children, which will keep the population stable. 
The fertility rate for Parsi community is 0.8, much less than the required 2. That means, 2 people from Parsi community will produce 1 child, which is a natural reason of decrease. For every 9 Parsi families, there in only 1 child below 10years of age.
Late marriage may be the reason as well. Minimum age at which Parsis get married is 27 for girls and 32 for boys. This is another reason for low fertility rates.

According to a legend, when parsis arrived in India, they promised the local king that they will not try to propogate their religion. Parsis in India are so exclusive as a community, that until recently, they did not accept marriages of Parsis with non-Parsis. Their children were not regarded as Parsis, even if the Father was a Parsi. Due to these reasons, relative marriages - Uncle with neice or between close cousins became common. And as it is biologically not viable to produce children by two people sharing a common genepool, naturally, their numbers dwindled.

GOI started an Initiative, JIYO PARSI, where the Govt encourages early marriage, having children early, having a second as well as a third child, as also medical support upto 5 lakhs against difficulty in child bearing.

नन्ही बालिका की कहानी

बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक गरीब औरत अपनी चार छोटी लड़कियाँ के साथ रहती थी। सबसे छोटी लड़की का नाम नन्ही परी था। चारो छोटी लड़कियां अपनी माता से खाने के लिए ब्रेड और नई फ्रॉक और टोपी और जूते-मोजे मांगती थी, लेकिन उनकी माँ केवल उनके रोज के खाने का ही बड़ी मुश्किल से प्रबंध कर पाती थी ।
गरीब औरत हर साल बसंत के महीने में कुछ उन खरीद कर सबसे बड़ी लड़की जलपरी के लिए एक फ्रॉक बनाती थी और जलपरी की पुरानी फ्रॉक उससे छोटी बेटी रतन परी को दे देती और रतन परी की पुरानी फ्रॉक दीपपरी को दे देती और दीपपरी की पुरानी फ्रॉक नन्ही परी को मिल जाती थी चारों बहने उन फ्रॉक को पहन कर बड़ी खुश होती थी ।

एक दिन चारों बहने जंगल में खेलने के लिए गईं, और दिन भर जंगल में खेलती रही, धीरे धीरे अँधेरा होने लगा तीनों बड़ी बहने घर जाने के लिए रवाना हो गयी लेकिन नन्ही परी फूलों को लेने के लिए पेड़ों के बीच अकेली रह गयी, नन्ही परी अकेली जंगल में डर रही थी, नन्ही परी इधर उधर दौड़ी और अपनी बहनों को खोजा लेकिन वो जा चुकी थी ।

जब नन्ही परी जंगल में अपनी बहनों को खोजने के लिए दौड़ी तो उसकी फ्रॉक एक कांटे की झाड़ी में फंस गई और सारी फट गई।

नन्ही परी ने अपनी फटी फ्रॉक को देखा और जोर जोर से रोना शुरू कर दिया, क्योंकि नन्ही परी जानती थी कि अगले साल तक उसे दूसरी फ्रॉक नहीं मिल सकती है।

सफ़ेद मेमने ने कहा, "नन्ही परी, नन्ही परी"। "मैं तुम्हें एक नई फ्रॉक बनाने के लिए कुछ ऊन दे सकता हूँ।"

और सफेद मेमने ने उसे कुछ नरम सफेद ऊन दे दिया।

नन्ही परी को रोता देख एक सफ़ेद भेड़ का मेमना वंहा आया और उसने नन्ही परी से पूछा, "नन्ही परी, तुम क्यों रो रही हो ?"

नन्ही परी ने कहा, "मैं रो रही हूं क्योंकि मैंने अपनी फ्रॉक फाड़ ली है और अगले साल के बसंत तक मेरे पास पहनने के लिए फ्रॉक नहीं है।"

नन्ही परी अपने घर जाने के लिए रवाना हो गयी, तभी रास्ते में नन्ही परी को एक जंगली झाड़ी मिली । जंगली झाड़ी ने नन्ही परी से पूछा "तुम्हारे पास क्या है ?

नन्ही परी ने कहा, "सफ़ेद भेड़ के मेमने ने मुझे नई फ्रॉक बनाने के लिए कुछ ऊन दी है।"

जंगली झाड़ी ने नन्ही परी से कहा की उन से फ्रॉक बनाने के लिए इस उन को कंघी करनी पड़ेगी ये उन मुझे दो, में इसे कंघी कर देती हूँ ।

नन्ही परी ने जंगली झाड़ी को सफेद ऊन दे दिया, और जंगली झाड़ी ने इसे अपने मजबूत कांटों से कंघी कर दिया ।

नन्ही परी अपने घर जाने के लिए रवाना हो गयी, तभी आगे रास्ते में नन्ही परी को एक पेड़ पर मकड़ी मिली । मकड़ी ने नन्ही परी से पूछा "तुम्हारे पास क्या है ?

नन्ही परी ने कहा, "सफ़ेद भेड़ के मेमने ने मुझे नया फ्रॉक बनाने के लिए कुछ ऊन दिया और जंगली झाड़ी ने उसे कंघी कर दिया ।"

मकड़ी ने नन्ही परी से कहा की उन से फ्रॉक बनाने के लिए इस उन को कात कर धागा बनाना पड़ेगा ये उन मुझे दो में इसे कात कर धागा बना देती हूँ ।

नन्ही परी ने मकड़ी को सफेद ऊन दे दिया, और मकड़ी ने इसे कात कर धागा बना दिया ।

नन्ही परी अपने घर जाने के लिए रवाना हो गयी, तभी आगे रास्ते में नन्ही परी को एक पेड़ पर पिचा मिला। पिचा ने नन्ही परी से पूछा "तुम्हारे पास क्या है ?

नन्ही परी ने कहा, "सफ़ेद भेड़ के मेमने ने मुझे नया फ्रॉक बनाने के लिए कुछ ऊन दिया और जंगली झाड़ी ने उसे कंघी कर दिया और मकड़ी ने कात कर धागा बना दिया।"

पिचा ने नन्ही परी से कहा की उन से फ्रॉक बनाने के लिए इस उन के धागे से कपडा बनाना पड़ेगा ये उन मुझे दो में इसे कपडा बना देता हूँ।

नन्ही परी ने पिचा को सफेद ऊन का धागा दे दिया, और पिचा ने इसे बुनकर कपडा बना दिया ।

नन्ही परी अपने घर जाने के लिए रवाना हो गयी, तभी आगे रास्ते में नन्ही परी को एक केकड़ा मिला। केकड़े ने नन्ही परी से पूछा "तुम्हारे पास क्या है ?

नन्ही परी ने कहा, "सफ़ेद भेड़ के मेमने ने मुझे नया फ्रॉक बनाने के लिए कुछ ऊन दिया और जंगली झाड़ी ने उसे कंघी कर दिया और मकड़ी ने कात कर धागा बना दिया और पिचा ने इसे बुनकर कर कपडा बना दिया।"

केकड़े ने नन्ही परी से कहा की उन से फ्रॉक बनाने के लिए इस उन के कपडे की कटिंग करनी पड़ेगी ये उन का कपडा मुझे दो में इसे कटिंग कर देता हूँ ।

नन्ही परी ने केकड़े को सफेद ऊन के धागे का कपडा दे दिया, और केकड़े ने अपने तीखे दांतों से इसे फ्रॉक के लिए कटिंग कर दिया ।

नन्ही परी अपने घर जाने के लिए रवाना हो गयी, तभी आगे रास्ते में नन्ही परी को एक पेड़ पर टिकटिक मिला। टिकटिक ने नन्ही परी से पूछा "तुम्हारे पास क्या है ?

नन्ही परी ने कहा, "सफ़ेद भेड़ के मेमने ने मुझे नया फ्रॉक बनाने के लिए कुछ ऊन दिया और जंगली झाड़ी ने उसे कंघी कर दिया और मकड़ी ने कात कर धागा बना दिया और पिचा ने बुनकर कपडा बना दिया और केकड़े ने इसे फ्रॉक के लिए कटिंग कर दिया।"

टिकटिक ने नन्ही परी से कहा की उन से बने इस कपडे से फ्रॉक बनाने के लिए इस उन के कटिंग हुए कपडे को सिलना पड़ेगा, ये ऊन का कपडा मुझे दो, में इसे सिलकर फ्रॉक बना देता हूँ ।

नन्ही परी ने टिकटिक को सफेद ऊन से बना कटा हुआ कपडा दे दिया, और टिकटिक ने इसे अपनी तीखी चोंच से सिलाई कर एक सुन्दर फ्रॉक बना दी ।

नन्ही परी अपनी एकदम नई सफ़ेद फ्रॉक देखकर बहुत खुश हो रही थी, ये उसके जीवन की पहली नई फ्रॉक थी, नन्ही परी ने उस फ्रॉक को पहना और ख़ुशी ख़ुशी गाने गाती हुई अपने घर चली गयी ।

Tuesday, 14 March 2023

पाकिस्तान पूर्ण तबाही पर उतर आया है; इमरान खान पर अब विदेशी फंडिंग का आरोप लगा है

पाकिस्तान पूर्ण तबाही पर उतर आया है; इमरान खान पर अब विदेशी फंडिंग का आरोप लगा है 
पाकिस्तान के योजना, विकास और विशेष पहल मंत्री अहसान इकबाल ने भ्रष्टाचार के आरोप में इमरान खान की गिरफ्तारी को विफल करने के लिए मंगलवार को उनके लाहौर स्थित आवास के बाहर पुलिस के साथ झड़प के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री अहसान इकबाल पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री पर विदेशी फंडिंग का आरोप लगाया है।

अहसान ने ट्विटर पर उर्दू में एक पोस्ट डाला, जिसका अनुवाद किया गया, जिसमें लिखा था: "पूरी दुनिया देख रही है कि कैसे एक अधर्मी इमरान नियाज़ी ने न्यायिक व्यवस्था को बंधक बना लिया है, अदालत के आदेश का उल्लंघन कर रहा है, कार्यकर्ताओं को मजबूर कर रहा है।" ढाल है, और अपने घर में छिपा है। क्या विदेशी फंडिंग इमरान के जरिए अराजकता फैलाकर अपना रंग दिखा रही है?"

देश भर के कई शहरों में इमरान की पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। टीवी फुटेज में दिखाया गया कि पुलिस एक बख्तरबंद गाड़ी के पीछे खान के जमान पार्क आवास की ओर धीरे-धीरे आ रही है, जो उनके समर्थकों को वाटर कैनन से तितर-बितर कर रही थी। चेहरे को कपड़े से ढके खान के समर्थकों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया।

इस्लामाबाद पुलिस ने ट्विटर पर कहा, "पथराव के बावजूद, पुलिस ने अत्यधिक उपाय करने से परहेज किया।"

इस्लामाबाद पुलिस ने कहा कि ज़मान पार्क की छत से पथराव के बाद पुलिस दल का नेतृत्व कर रहे उप महानिरीक्षक (अभियान) शहजाद बुखारी सहित उसके पांच अधिकारी घायल हो गए।

डॉन अखबार ने बताया कि जमान पार्क में रुक-रुक कर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं, क्योंकि पुलिस फिलहाल पड़ोस के बाहर एक सुरक्षा बैरियर पर डेरा डाले हुए है। हालांकि, खान के समर्थकों ने उनके आवास की ओर जाने वाले रास्ते को घेर लिया है।
पीटीआई नेता शिरीन मजारी ने एक वीडियो साझा किया जिसमें आंसू गैस के गोले खान के आवास में घुसते देखे जा सकते हैं। "वे इमरान खान के घर पर भी गोलाबारी कर रहे हैं, एक ऐसा नेता जिसने सभी से शांतिपूर्ण और धैर्य से रहने का अनुरोध किया। देश में लोकतंत्र निलंबित लगता है, नहीं?" पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया।

पीटीआई के उप नेता शाह महमूद कुरैशी ने पहले कहा था कि पार्टी नेतृत्व रक्तपात को रोकने के लिए "संभावित समाधान" खोजने के लिए तैयार है। उसने पुलिस से कहा, "मुझे वारंट दिखाइए। मैं पहले इसे पढ़ूंगा और समझूंगा। इसके बाद मैं इमरान खान और अपने वकीलों से बात करूंगा।"

तोशखाना मामले में जारी गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ खान की पार्टी ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने सुनवाई आज करने के पार्टी के अनुरोध को खारिज करते हुए बुधवार को सुनवाई तय की।

आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने, हालांकि, कहा कि अधिकारी अदालत के निर्देशों के अनुसार खान को गिरफ्तार करेंगे और उसे अदालत में पेश करेंगे।

'अगर मुझे कुछ हो गया...'

खान ने एक वीडियो संदेश में अपने समर्थकों से वास्तविक आजादी के लिए लड़ने के लिए ''बाहर आने'' और संघर्ष जारी रखने को कहा था, भले ही वह मारा गया हो या गिरफ्तार किया गया हो।

खान का वीडियो संदेश पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा सोशल मीडिया पर जारी किया गया था क्योंकि पुलिस उन्हें तोशखाना मामले में गिरफ्तार करने के लिए उनके ज़मान पार्क आवास पर पहुंची थी। इमरान खान के ज़मान पार्क लाहौर आवास के बाहर आठ घंटे से अधिक लंबे पुलिस ऑपरेशन के बावजूद, पीटीआई कार्यकर्ताओं के कड़े प्रतिरोध के कारण पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी।

हिंसक झड़पों में पीटीआई के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। पुलिस ने पीटीआई के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ता भारी गोलाबारी का सामना कर रहे हैं। जमान पार्क जंग का मैदान बन गया।

लाहौर पुलिस प्रमुख बिलाल सादिक कामयान ने कहा कि लाहौर पुलिस खान की गिरफ्तारी में इस्लामाबाद पुलिस की मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अदालत के गिरफ्तारी वारंट पर अमल हो। खान के आवास के बाहर पुलिस की तीन वैन मौजूद थीं।

पुलिस ने खान के समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, जिन्होंने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, जिससे उन्हें चोटें आईं।

वीडियो संदेश में 70 वर्षीय खान ने कहा, "वे (सरकार) सोचते हैं कि मेरी गिरफ्तारी के बाद देश सो जाएगा। आपको उन्हें गलत साबित करना होगा," 70 वर्षीय खान ने वीडियो में कहा। भगवान ने मुझे सब कुछ दिया है और मैं आपके लिए यह लड़ाई लड़ रहा हूं। मैं जीवन भर इस लड़ाई को लड़ता रहा हूं और आगे भी लड़ता रहूंगा। अगर मुझे कुछ हो जाता है और मुझे जेल भेज दिया जाता है या मुझे मार दिया जाता है, तो आपको यह साबित करना होगा कि आप इमरान खान के बिना संघर्ष करेंगे और इन चोरों की और देश के लिए निर्णय लेने वाले एक व्यक्ति की गुलामी स्वीकार नहीं करेंगे। "


क्या है तोशखाना मामला?

खान उपहार खरीदने के लिए क्रॉसहेयर में रहा है, जिसमें एक महंगी ग्रैफ कलाई घड़ी भी शामिल है, जिसे उसने तोशखाना नामक राज्य डिपॉजिटरी से रियायती मूल्य पर प्रीमियर के रूप में प्राप्त किया था और उन्हें लाभ के लिए बेच दिया था।

अविश्वास मत हारने के बाद खान को पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के फैसलों के कारण उन्हें निशाना बनाने वाली अमेरिकी नेतृत्व वाली साजिश का हिस्सा था।

अपने अपदस्थ होने के बाद से, खान प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली "आयातित सरकार" को हटाने के लिए तत्काल चुनावों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शरीफ ने कहा है कि संसद के पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद इस साल के अंत में चुनाव होंगे।

Monday, 6 March 2023

Holika Dahan 2023: Significance

Holika Dahan 2023: Significance, Rituals and Celebrations
होलिका दहन, जिसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है, भारत में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह होली के त्योहार से एक दिन पहले मनाया जाता है। 2023 में, होलिका दहन 7 मार्च को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाएगा। होलिका दहन फाल्गुन के महीने में पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर फरवरी के अंत और मार्च की शुरुआत में होता है।

होलिका दहन का महत्व।
होलिका दहन एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है। यह त्योहार वसंत ऋतु की शुरुआत में मनाया जाता है।
होलिका दहन बहुत उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली के पारंपरिक वसंत त्योहार के पहले दिन के रूप में इसका निशान

होलिका दहन मनाते हुए।

भारत के कई हिस्सों में, होलिका दहन क्षण भर के लिए अलाव जलाकर मनाया जाता है। लोग आग के चारों ओर इकट्ठा होते हैं, प्रार्थना करते हैं और गाते हैं। अग्नि को मिठाई, फल और अन्य प्रसाद चढ़ाया जाता है। आग बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है।
2023 में होलिका दहन मनाने वालों के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

1. अलाव के लिए लकड़ी और टहनियाँ इकट्ठा करें।

2. कुछ पारंपरिक खाद्य पदार्थ जैसे गुजिया, मठरी, मालपुए और लड्डू तैयार करें।

3. देवताओं को प्रार्थना और प्रसाद चढ़ाएं।

3. अलाव के चारों ओर गाओ और नाचो।

4. अपने समुदाय में शांति, सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता बनाएं।

Sunday, 5 March 2023

एक दीन गंगा रे तीरे मिलग्या दो बिछड्‌या प्राणी

एक दीन गंगा रे तीरे मिलग्या दो बिछड्‌या प्राणी 

दोहा – सूरज टले चंदो टले,
और टले जगत व्यवहार,
पण व्रत हरिशचंद्र रो ना टले,
ना टले रे सत्य विचार।

गुंजे धरती रे चारो धाम रे,
गुंजे धरती रे चारो धाम रे,
हरिशचंद्र राजा,
अमर रवैगो थारो नाम रे,
हरिशचंद्र राजा,
अमर रवैगो थारो नाम रे,
उगते प्रभाते ढळती शाम रे,
उगते प्रभाते ढळती शाम रे,
सतवादी राजा,
घर घर पुजीजे थारो नाम रे,
सतवादी राजा,
घर घर पुजीजे थारो नाम रे।।

तरवर दे ठंडी छैया,
सरवर दे मीठो पाणी,
परहीत परमारथ पंथी,
जीवण ने है जिंदगाणी,
जुनी रो मरम पिछाण्यो,
बणगो गुण सागर ज्ञानी,
दुर्बल दुखिया रो दाता,
मानी जो बनकर दानी,
मनड़े पर कसदी नी लगाम रे,
मनड़े पर कसदी नी लगाम रे,
जय जय जुग बाला,
अमर रवैगो थारो नाम रे,
जय जय जुग बाला,
अमर रवैगो थारो नाम रे।।

दोहा – सत री सोरम छाएगी,
तीन लोक के माय,
पारख हरिशचंद री करी,
सपने में मुनी आय।
दे दीनो सब दान में,
सुर्यवंश सिरमौर,
जावे है सब त्याग के,
राज वस्त्र तक छोड़।

कुपल सी कवली काया,
सुंदर तारामती राणी,
फुला पर चालण वाली,
काटा में बहे गुलबाणी,
झुलसे रोहीतास जो बालो,
तपते तावड़ीए माई,
भुखा तीरसा या भटके,
सत रे मारगीये माई,
सत पर जीवतडा बाले चाम रे,
सत पर जीवतडा बाले चाम रे,
हरीशचन्द्र राजा,
छाला पड गया रे थारे पाव रे,
हरीशचन्द्र राजा,
छाला पड गया रे थारे पाव रे।।

सत रे पथ बीक ग्यो सीमरत,
सत पर बीक गी महाराणी,
अवधपुरी रो राजा,
भरसी शुदर घर पाणी,
मंगसो चांदडलों पडगो,
धरती माँ भी लचकाणी,
बहतो वायरियो रुकगो,
गंगा को थमगो पाणी,
कर दीनो भुपत सब लीलाम रे,
कर दीनो भुपत सब लीलाम रे,
वचना रा बारु,
अमर रहेगो थारा नाम रे,
वचना रा बारु,
अमर रहेगो थारा नाम रे।।

एक दीन गंगा रे तीरे,
मिलग्या दो बिछड्‌या प्राणी,
घड़ीयो ऊंचादे म्हाने,
बोली तारामती राणी,
सैंधी सी बोली सुणके,
संभळयो सतवादी दानी,
पण अपनो धर्म निभावण,
करगो वो आनाकानी,
झुकगा वे नैना कर सीलाम रे,
झुकगा वे नैना कर सीलाम रे,
जन्मा रा भिडू,
रैगा हिवडे ने दोनो थाम रे,
जन्मा रा भिडू,
रैगा हिवडे ने दोनो थाम रे।।

दोहा – सोनो तप कंचन बणे,
अरे मत वे जिव हतास,
साँच रे मारगिये सदा,
त्याग तपस्या त्रास।

सोभे हो राज सिंहासन,
झिलमिलता हिरा मोती,
नगरी में प्राण सु प्यारो,
सबरे नैणा री ज्योती,
झुला रे समरा झुलतो,
धूलता हा चवर पछाड़ी,
मरघट पर लकड़ा फाडे,
हरिशचंद रे हाथ कुल्हाड़ी,
तड़पे दिन रात न ले विसराम रे,
तड़पे दिन रात न ले विसराम रे,
मेहनतीया मारू,
अमर रवैगो थारो नाम‌ रे,
मेहनतीया मारू,
अमर रवैगो थारो नाम‌ रे।।

मिनखा पण दो दिन मेलो,
दो दिन है अंजळ दाणो,
कुण जाणे कितरी सांसा,
कद जाणे किण ने जाणो,
बीते है वगत सुहाणी,
छोड़ो की याद निशाणी,
जय जय सतवादी राजा,
जय जय हरिशचंद्र दानी,
जुग जुग झुकेला कर प्रणाम रे,
जुग जुग झुकेला कर प्रणाम रे,
जियो जुग बाला,
अमर रवेगो थारो नाम रे,
जियो जुग बाला,
अमर रवेगो थारो नाम रे।।

गुंजे धरती रे चारो धाम रे,
गुंजे धरती रे चारो धाम रे,
हरिशचंद्र राजा,
अमर रवैगो थारो नाम रे,
हरिशचंद्र राजा,
अमर रवैगो थारो नाम रे,
उगते प्रभाते ढळती शाम रे,
उगते प्रभाते ढळती शाम रे,
सतवादी राजा,
घर घर पुजीजे थारो नाम रे,
सतवादी राजा,
घर घर पुजीजे थारो नाम रे।।

गायक – सुरेश वाडकर जी।
प्रेषक – रोशन कुमावत (भेरुखेड़ा)
8770943301



Saturday, 4 March 2023

G20 India 2023 New Delhi Summit

जी20 इंडिया 2023
नई दिल्ली शिखर सम्मेलन
18वां G20 राष्ट्राध्यक्षों और सरकार का शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में होगा। शिखर सम्मेलन मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और नागरिक समाजों के बीच साल भर आयोजित सभी जी20 प्रक्रियाओं और बैठकों का समापन होगा। नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के समापन पर एक G20 नेताओं की घोषणा को अपनाया जाएगा, जिसमें संबंधित मंत्रिस्तरीय और कार्य समूह की बैठकों के दौरान चर्चा की गई प्राथमिकताओं के प्रति नेताओं की प्रतिबद्धता और सहमति व्यक्त की जाएगी।

#g20summit
#G20IndiaNewDelhiSummit

नागरिकों के सुझाव
04 मार्च 2023
12:46 बजे


G20 लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों - केसरिया, सफेद और हरा और नीला से प्रेरणा लेता है। यह भारत के राष्ट्रीय फूल कमल के साथ पृथ्वी ग्रह को जोड़ता है जो चुनौतियों के बीच विकास को दर्शाता है। पृथ्वी जीवन के प्रति भारत के ग्रह-समर्थक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य में है। G20 लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में "भारत" लिखा हुआ है।

भारत के G20 प्रेसीडेंसी का विषय - "वसुधैव कुटुम्बकम" या "एक पृथ्वी · एक परिवार · एक भविष्य" - महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है। अनिवार्य रूप से, विषय सभी जीवन के मूल्य की पुष्टि करता है - मानव, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीव - और ग्रह पृथ्वी पर और व्यापक ब्रह्मांड में उनकी परस्पर संबद्धता।

विषय व्यक्तिगत जीवन शैली के साथ-साथ राष्ट्रीय विकास दोनों के स्तर पर इसके संबद्ध, पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और जिम्मेदार विकल्पों के साथ LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) को भी उजागर करता है, जिससे विश्व स्तर पर परिवर्तनकारी कार्रवाइयां होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक स्वच्छ, हरित और धुंधला भविष्य होता है।
Logo और Theme मिलकर भारत के G20 प्रेसीडेंसी का एक शक्तिशाली संदेश देते हैं, जो दुनिया में सभी के लिए न्यायसंगत और समान विकास के लिए प्रयासरत है, क्योंकि हम इस अशांत समय के माध्यम से एक स्थायी, समग्र, जिम्मेदार और समावेशी तरीके से नेविगेट करते हैं। वे आसपास के पारिस्थितिकी तंत्र के साथ सद्भाव में रहने के हमारे G20 प्रेसीडेंसी के लिए एक विशिष्ट भारतीय दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करते हैं।

भारत के लिए, G20 प्रेसीडेंसी "अमृतकाल" की शुरुआत का भी प्रतीक है, 15 अगस्त 2022 को इसकी स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ से शुरू होने वाली 25 साल की अवधि, इसकी स्वतंत्रता की शताब्दी तक, एक भविष्यवादी, समृद्ध, समावेशी और विकसित समाज, जिसके मूल में मानव-केंद्रित दृष्टिकोण है।

G20 India 2023  
New Delhi Summit

The 18th G20 Heads of State and Government Summit will take place on 9th-10th September 2023 in New Delhi. The Summit will be a culmination of all the G20 processes and meetings held throughout the year among ministers, senior officials, and civil societies. A G20 Leaders’ Declaration will be adopted at the conclusion of the New Delhi Summit, stating Leaders’ commitment towards the priorities discussed and agreed upon during the respective ministerial and working group meetings. 

#g20summmit 
#G20IndiiaNewDelhiSummit

Suggestions from Citizens
04 March 2023
12:46 hrs


The G20 Logo draws inspiration from the vibrant colours of India’s national flag – saffron, white and green, and blue. It juxtaposes planet Earth with the lotus, India’s national flower that reflects growth amid challenges. The Earth reflects India’s pro-planet approach to life, one in perfect harmony with nature. Below the G20 logo is “Bharat”, written in the Devanagari script.

The theme of India’s G20 Presidency - “Vasudhaiva Kutumbakam” or “One Earth · One Family · One Future” - is drawn from the ancient Sanskrit text of the Maha Upanishad. Essentially, the theme affirms the value of all life – human, animal, plant, and microorganisms – and their interconnectedness on the planet Earth and in the wider universe.

The theme also spotlights LiFE (Lifestyle for Environment), with its associated, environmentally sustainable and responsible choices, both at the level of individual lifestyles as well as national development, leading to globally transformative actions resulting in a cleaner, greener and bluer future.

The logo and the theme together convey a powerful message of India’s G20 Presidency, which is of striving for just and equitable growth for all in the world, as we navigate through these turbulent times, in a sustainable, holistic, responsible, and inclusive manner. They represent a uniquely Indian approach to our G20 Presidency, of living in harmony with the surrounding ecosystem.

For India, the G20 Presidency also marks the beginning of “Amritkaal”, the 25-year period beginning from the 75th anniversary of its independence on 15 August 2022, leading up to the centenary of its independence, towards a futuristic, prosperous, inclusive and developed society, distinguished by a human-centric approach at its core.

Winners

विज्ञान कहता है कि एक वयस्क स्वस्थ पुरुष एक बार संभोग के बाद जो वीर्य स्खलित करता है, उसमें 400 मिलियन शुक्राणु होते हैं...... ये 40 करोड़ श...