Saturday, 31 August 2024

आज के हिसाब से अपने आप को अपडेट रखना कितना जरूरी है?

आज के हिसाब से अपने आप को अपडेट रखना कितना जरूरी है?
आजकल के समय में अपडेट रहना ,स्वयं को अपडेट रखना जरूरी है। स्वयं को अपडेट रखेंगे तो नए ज़माने, नई पीढ़ी के साथ कदम मिलाकर आगे बढ़ सकते हैं । समय किसी का इंतज़ार नहीं करता….. जो अपडेट नहीं होता वो समय से पीछे रह जाता है।

एक साधारण सा उदाहरण के साथ अपनी बात बताने का प्रयास…..
यह तस्वीर लगभग 46 साल पुरानी चर्चित फिल्म "मुकद्दर का सिकंदर" के बहुत प्रसिद्ध गाने की है -

इस तस्वीर पर ध्यान दीजिए…

इसमें "तब" के 4 "नामी गिरामी" दिखेंगे

प्रीमियर पद्मिनी 🚗
चेतक स्कूटर🛵
राजदूत मोटरसाइकिल🏍 
और अमिताभ बच्चन 😎
आज इनमें से केवल एक अपनी पुरानी शान को बरकरार रख पाया है, बाकी तो लगभग गायब हैं...

सोचिए क्यों?

क्योंकि ..... अपडेशन जरूरी..

वर्ना जो समय के साथ खुद को अपडेट नहीं करता वो किनारे लगा दिया जाता है🤷‍♀️

अमिताभ ने वक्त को समझा, खुद को लगातार अपडेट करते रहे....आज भी रेस में बरकरार हैं👍

जबकि बाकी निर्जीव होकर भी मार्केट में सलामत नहीं रह पाए क्योंकि इनको अपडेट करने से परहेज़ रखा अर्थात उनको अपडेट नहीं किया गया।

तीन कहानियाँ और:

1. नोकिया ने एंड्रॉयड को नकार दिया
2. याहू ने गूगल को नकार दिया
3. कोडक ने डिजिटल कैमरों को नकार दिया

सबक:
1. जोखिम उठाएँ
2. बदलाव को अपनाएँ
3. अगर आप समय के साथ बदलाव करने से इनकार करते हैं, तो आप पुराने पड़ जाएँगे

दो और कहानियाँ:

1. फेसबुक ने व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम को अपने कब्जे में ले लिया
2. ग्रैब ने दक्षिण-पूर्व एशिया में उबर को अपने कब्जे में ले लिया

सबक:

1. इतना शक्तिशाली बनो कि तुम्हारे प्रतिस्पर्धी तुम्हारे सहयोगी बन जाएँ
2. शीर्ष पर पहुँचो और प्रतिस्पर्धा को खत्म करो।
3. नवाचार करते रहें

दो और कहानियाँ:
1. कर्नल सैंडर्स ने 65 साल की उम्र में KFC की स्थापना की
2. जैक मा, जिन्हें KFC में नौकरी नहीं मिली, ने अलीबाबा की स्थापना की और 55 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो गए।

सबक:
1. उम्र सिर्फ़ एक संख्या है
2. सिर्फ़ वही लोग सफल होंगे जो कोशिश करते रहेंगे

आखिरी लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात:
लेम्बोर्गिनी की स्थापना एक ट्रैक्टर निर्माता से बदला लेने के परिणामस्वरूप हुई थी, जिसका फेरारी के संस्थापक एन्ज़ो फेरारी ने अपमान किया था।

सबक:
कभी भी किसी को कम मत समझो!
✔️ बस कड़ी मेहनत करते रहो
✔️ अपना समय समझदारी से निवेश करो
✔️ असफल होने से मत डरो

इसलिए

…..Keep updating yourself.....🤓

इसलिए "हमारे जमाने में" .... बोलने वाले "भिड़े मास्टर" ना बनें…😅😅

Friday, 2 August 2024

गाँव गया था

गाँव गया था
गाँव से भागा ।
रामराज का हाल देखकर
पंचायत की चाल देखकर
आँगन में दीवाल देखकर
सिर पर आती डाल देखकर
नदी का पानी लाल देखकर
और आँख में बाल देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।

गाँव गया था
गाँव से भागा ।
सरकारी स्कीम देखकर
बालू में से क्रीम देखकर
देह बनाती टीम देखकर
हवा में उड़ता भीम देखकर
सौ-सौ नीम हक़ीम देखकर
गिरवी राम-रहीम देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।

गाँव गया था
गाँव से भागा ।
जला हुआ खलिहान देखकर
नेता का दालान देखकर
मुस्काता शैतान देखकर
घिघियाता इंसान देखकर
कहीं नहीं ईमान देखकर
बोझ हुआ मेहमान देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।

गाँव गया था
गाँव से भागा ।
नए धनी का रंग देखकर
रंग हुआ बदरंग देखकर
बातचीत का ढंग देखकर
कुएँ-कुएँ में भंग देखकर
झूठी शान उमंग देखकर
पुलिस चोर के संग देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।

गाँव गया था
गाँव से भागा ।
बिना टिकट बारात देखकर
टाट देखकर भात देखकर
वही ढाक के पात देखकर
पोखर में नवजात देखकर
पड़ी पेट पर लात देखकर
मैं अपनी औकात देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।

गाँव गया था
गाँव से भागा ।
नए नए हथियार देखकर
लहू-लहू त्योहार देखकर
झूठ की जै-जैकार देखकर
सच पर पड़ती मार देखकर
भगतिन का शृंगार देखकर
गिरी व्यास की लार देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।

गाँव गया था
गाँव से भागा ।
मुठ्ठी में कानून देखकर
किचकिच दोनों जून देखकर
सिर पर चढ़ा ज़ुनून देखकर
गंजे को नाख़ून देखकर
उज़बक अफ़लातून देखकर
पंडित का सैलून देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।
---यह कविता कैलाश गौतम की है।

Winners

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