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रामधारी सिंह 'दिनकर' '

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'रामधारी सिंह 'दिनकर ' '  (23 सितम्‍बर 1908- 24 अप्रैल 1974)  रामधारी सिंह 'दिनकर हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। राष्ट्रवाद अथवा राष्ट्रीयता को इनके काव्य की मूल-भूमि मानते हुए इन्हे 'युग-चारण' व 'काल के चारण' की संज्ञा दी गई है। दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। एक ओर उनकी कविताओं में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल शृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है। इन्हीं दो प्रवृत्तियों का चरम उत्कर्ष हमें उनकी 'कुरुक्षेत्र' और 'उर्वशी' नामक कृतियों में मिलता है। दिनकर' जी का जन्म 24 सितंबर 1908 को बिहार के बेगूसराय जिले के सिमरिया गाँव में भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास राजनीति विज्ञान में बीए किया। उन्होंने संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी और उर...

Happy birthday Modi ji

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अपनी दूरदर्शिता, अथक परिश्रम और नि:स्वार्थ सेवाभाव से करोड़ों लोगों के जीवन में समृद्धि और विश्वास लाने वाले देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। साथ ही ईश्वर से आपकी दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना करता हूँ। #HappyBdayModiji

G 20 Summit, 9 and 10 , September 2024

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G-20 summit Sept. 10 updates | Summit concludes in New Delhi, Brazil handed over rotational presidency September 10, 2023 20:55 PM Modi conveys to Canadian PM Trudeau strong concerns over anti-India activities of extremist elements in Canada PM Modi conveyed to his Canadian counterpart Justin Trudeau India’s strong concerns about the continuing anti-India activities of extremist elements in Canada that were promoting secessionism, inciting violence against its diplomats and threatening the Indian community there. In his talks with Mr. Trudeau on the sidelines of the G-20 Summit, Mr. Modi also mentioned that a relationship based on “mutual respect and trust” is essential for the progress of the India-Canada relationship, the Ministry of External Affairs (MEA) said. “The prime minister highlighted that India-Canada relations are anchored in shared democratic values, respect for rule of law and strong people-to-people ties,” it said. “He conveyed our strong concern...

आर्मस्ट्रांग सचमुच चांद पर गए थे या ये अमेरिका का फैलाया हुआ एक सफेद झूठ

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क्या नील आर्मस्ट्रांग सचमुच चांद पर गए थे या ये अमेरिका का फैलाया हुआ एक सफेद झूठ है। एक वैश्विक फेक प्रोपेगंडा है। सोचिए जरा..!😇 जिस चांद पर एक छोटी कार के आकार का विक्रम लैंडर जैसा कुछ उतारने में आज भारत सफल हो गया। उस चांद पर अनेक देश 2023 तक भी सफल नहीं हो पाए, यह कटु सत्य है न। अभी हाल में रूस जैसा देश भी अपना लैंडर उतार नहीं पाया चार दिन पहले उसका लैंडर क्रैश कर गया, ये भी सभी ने देखा। फिर कैसे विश्वास कर लें कि उस चांद पर 1969 में ही अमेरिका ने तीन तीन अंतरिक्ष यात्री भेज दिए थे? 😊😊😊😊 क्या ये झूठ नहीं लगता कि नील आर्मस्ट्रांग और उनके दो साथी भारी भरकम यान लेकर चांद पर उतरे भी .. उधर घूमे फिरे भी और फोटो सोटो खिंचवा के वापस जिंदा धरती पर आ भी गए.. और जब उनके पास टेक्नोलॉजी है ही तो नील आर्मस्ट्रांग के बाद कोई और क्यों नहीं गया? ☺️☺️☺️ इन अमेरिकियों से पूछो, चलो मान लिया तुम्हारे चांद पर खींचे हुए ये फोटो असली हैं, किसी हॉलीवुड के स्टूडियों में नहीं खींचे गए हैं, तुम चांद पर गए होगे पर मियाँ ये तो बताओ वहाँ से वापस लौटे कैसे? लौटा कर लाने वाला रॉकेट चांद की सतह पर...

जानिए क्यों चंद्रयान-3 को चंद्रमा तक पहुंचने में 41 दिन लगें ?

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जानिए क्यों चंद्रयान-3 को चंद्रमा तक पहुंचने में 41 दिन लगें ? इसकी तुलना में, नासा का अपोलो 11 केवल चार दिनों में चंद्रमा की सतह पर पहुंच गया। भारत का चंद्रयान-3 मिशन 40 दिनों से अधिक की यात्रा के बाद चंद्रमा पर पहुंचा जबकि नासा का अपोलो 11 केवल चार दिनों में चंद्रमा की सतह पर पहुंचा था। ऐसा इसलिए है क्योंकि चंद्रयान-3 अपोलो मिशन द्वारा उपयोग किए जाने वाले प्रत्यक्ष ट्रांसलूनर इंजेक्शन की तुलना में धीमी, अधिक क्रमिक प्रक्षेपवक्र का उपयोग करता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ऐतिहासिक मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च किया। अब यह 40 दिनों से अधिक की यात्रा के बाद 23 अगस्त, 2023 (बुधवार) को लगभग 18:04 IST पर चंद्रमा पर सफलता पूर्वक उतरा। इसकी तुलना में, नासा का अपोलो 11 केवल चार दिनों में चंद्रमा की सतह पर पहुंच गया। अपसारी प्रक्षेप पथ: अपोलो 11 सहित अमेरिका के अपोलो मिशनों ने चंद्रमा तक पहुंचने के लिए एक सीधे प्रक्षेपवक्र का उपयोग किया था, जिसे ट्रांसलूनर इंजेक्शन के रूप में जाना जाता है। शक्तिशाली सैटर्न वी प्रक्षेपण यान ने अपोलो अंतरिक्ष यान को पृथ...